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ICU में भर्ती मरीज के पड़ गए कीड़े, हुई मौत

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बीकानेर: राजस्थान में एक अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। अस्पताल के आईसीयू में भर्ती मरीज के घाव में कीड़े पड़ गए। लेकिन इसकी जानकारी डॉक्टरों को नहीं हुई। डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मरीज की मौत हो गई।

मामला राजस्थान के बीकानेर का है। बीकानेर का पीबीएम हॉस्पिटल पूरे उत्तर भारत में अपनी अच्छी साख रखता है। लेकिन पिछले 10 साल से उसमें लगातार लापरवाही देखी जा रही है, कभी छत गिर जाती है तो कभी आवारा पशु अस्पताल में घुस जाते हैं तो कभी मरीज की ऑक्सीजन खत्म हो जाती है और मरीज दम तोड़ देता है। इसी अस्पताल में 20 साल के युवक निर्मल गहलोत का इलाज चल रहा था। निर्मल का एक एक्सीडेंट हुआ था। निर्मल के सिर में गहरी चोट लगी थी। इसके बाद इन्हें सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया।

एक्सीडेंट से पीड़ित निर्मल पिछले 13 दिन से आईसीयू में भर्ती थे। डॉक्टर ने लापरवाही करते हुए उसकी पट्टी तक नहीं बदली। जब परिवार के लोगों ने निर्मल की पट्टी खोलकर देखी तो घाव में कीड़े पड़ गए। इसके चलते निर्मल की मौत हो गई। परिवार वालों ने डॉक्टरों पर लापरवाही से इलाज करने का आरोप लगाया है। परिवार वालों का कहना है कि निर्मल मंदबुद्धि है इस वजह से वो अपने सारे हालात को बयान नहीं कर सकता था ये बात डॉक्टर को पता थी, इसके बावजूद डॉक्टर्स ने निर्मल के इलाज में लापरवाही बरती। सौजन्यः आईबीएन-7

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'धोनी की जिद से टीम इंडिया वर्ल्ड कप हारी'

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नई दिल्लीः क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की हार के लिए कप्तान एमएस धोनी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मनमाने ढंग से टीम चुनने और युवराज जैसे खिलाड़ियों को न चुनने की वजह से ही टीम को हार का सामना करना पड़ा।

नवभारत टाइम्स को दिए गए इंटरव्यू में योगराज सिंह से जब पूछा गया कि टीम इंडिया की वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में हार की वजह क्या है तो योगराज सिंह ने कहा कि शानदार फॉर्म में होने के बावजूद युवराज सिंह का सिलेक्शन न करने की धोनी की सोच गलत थी और इसी खामियाजा टीम को हार के रूप में भुगतना पड़ा। उन्होंने साथ ही सहवाग, गंभीर और उथप्पा जैसे बल्लेबाजों को वर्ल्ड कप में न चुने जाने के फैसले को गलत बताया। सीनियर्स खिलाड़ियों के साथ हमेशा से धोनी की ईगो प्रॉब्लम रही है।

उन्होंने सेमीफाइनल में हार के बाद धोनी के रवैये पर हैरानी जताते हुए कहा, 'हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में धोनी हंस रहे थे, जब सौ करोड़ हिंदुस्तानी रो रहे थे तो धोनी हंस रहे थे, जबकि टीम की हार के बाद उन्हें दुखी होना चाहिए था। धोनी का यह रवैया दुखद है।' योगराज ने कहा कि धोनी से पूछा जाना चाहिए कि आखिर क्यों वह युवराज सिंह को टीम में शामिल नहीं करना चाहते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि धोनी को डर है कि युवराज सिंह उनकी जगह न ले लें। उन्होंने कहा कि धोनी अपना ग्रुप बनाना चाहते हैं।

योगराज ने कहा कि युवराज सिंह की परफॉर्मेंस पर सवाल उठाने वाले धोनी ने खुद पिछले तीन सालों में परफॉर्म नहीं किया है। उन्होंने कहा कि धोनी की कप्तानी की वजह से भारत मैच नहीं जीतता आया है बल्कि धोनी के पास शानदार खिलाड़ियों से भरी टीम थी जिनकी वजह से टीम जीतती रही। उन्होंने कहा कि धोनी को देश को इस बात का जवाब देना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया और क्यों युवराज जैसे अच्छे खिलाड़ियों को नहीं चुना।

योगराज ने आरोप लगाया कि वर्ल्ड कप टीम सिलेक्शन के दौरान जब ऑस्ट्रेलिया में मौजूद धोनी के सामने युवराज का नाम लिया गया तो उन्होंने कहा कि मुझे युवा टीम चाहिए जबकि खुद के रिटायरमेंट पर धोनी ने कहा कि अभी मैं 33 साल का हूं और बूढ़ा नहीं हुआ हूं तो युवराज कैसे बूढ़े हो गए। उन्होंने कहा कि धोनी की जवाबदेही देश के प्रति है और उन्हें जवाब देना चाहिए क्यों उन्होंने ऐसा किया। सौजन्यः एनबीटी

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बाबरी केस: आडवाणी-जोशी समेत 20 लोगों को नोटिस

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नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और अन्य के खिलाफ आपराधिक षड़यंत्र के आरोप हटाने का विरोध करने वाली याचिका पर आज उनसे जवाब मांगा।

मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने बाबरी मस्जिद मामले के एक याचिकाकर्ता हाजी महबूब अहमद द्वारा दायर एक पृथक याचिका पर भाजपा नेता और सीबीआई को नोटिस जारी किए। अहमद ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि केंद्र में सरकार बदलने के चलते सीबीआई अपना रच्च्ख नरम कर सकती है।

इससे पहले सीबीआई बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आडवाणी और 19 अन्य के खिलाफ षड़यंत्र के आरोप हटाने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय गई थी।

सीबीआई ने आज संक्षिप्त सुनवाई के दौरान मामले में अपील दायर करने में हुई देरी के संबंध में ताजा शपथपत्र दायर करने के लिए समय मांगा। अदालत ने जांच एजेंसी की याचिका मंजूर करते हुए उसे जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील दर्ज कराने में देरी के लिए सीबीआई की खिंचाई की थी। सीबीआई ने उच्च न्यायालय के 21 मई 2010 को सुनाए फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने नेताओं के खिलाफ आरोप हटाने के विशेष अदालत के फैसले को बरकरार रखा था।

उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में सीबीआई की विशेष अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा था जिसमें आडवाणी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार और मुरली मनोहर जोशी के उच्च्पर लगे षड़यंत्र रचने के आरोपों को हटा दिया गया था।
इनके अलावा सतीश प्रधान, सी आर बंसल, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, साध्वी रितम्भरा, वी एच डालमिया, महंत अवैद्यनाथ, आर वी वेदांती, परम हंस राम चंद्र दास, जगदीश मुनि महाराज, बी एल शर्मा, नृत्य गोपाल दास, धरम दास, सतीश नागर और मोरेश्वर सावे के खिलाफ भी आरोप हटाए गए थे।

बाल ठाकरे के निधन के बाद उनका नाम आरोपियों की सूची से हटा दिया गया था।
उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए सीबीआई को रायबरेली अदालत में आडवाणी एवं अन्य के खिलाफ अन्य आरोपों के मामले में आगे बढने की अनुमति दी थी । यह मामला राय बरेली अदालत के अधिकार क्षेत्र में आता है।
उच्च न्यायालय ने मई 2010 में सुनाए फैसले में कहा था कि विशेष अदालत द्वारा चार मई 2001 को सुनाए गए फैसले के खिलाफ सीबीआई की पुनरीक्षण याचिका में कोई दम नहीं है।

विवादित ढांचा गिराए जाने के संबंध में दो मामले हैं- एक मामला आडवाणी और उन अन्य लोगों के खिलाफ है जो छह दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के समय अयोध्या के राम कथा कुंज में मंच पर थे जबकि एक अन्य मामला उन लाखों अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ है जो विवादित ढांचे में और उसके आस पास मौजूद थे।
सीबीआई ने आडवाणी और 20 अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153 ए (वर्गों के बीच शत्रुता को बढावा देना), 153 बी (राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाना) और 505 (सार्वजनिक शांति भंग करने करने या दंगा भड़काने के इरादे से झूठे बयान, अफवाहें आदि फैलाना) के तहत आरोप पत्र दायर किया था।

जांच एजेंसी ने बाद में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक षड़यंत्र: के तहत भी आरोप लगाया था जिसे विशेष अदालत ने खारिज कर दिया था और बाद में उच्च न्यायालय ने भी विशेष अदालत का यह निर्णय बरकरार रखा था।

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गुजरात में विवादित ऐंटि-टेररिजम बिल पास

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अहमदाबादः पिछले प्रयासों में असफल रहने के बावजूद गुजरात सरकार ने विवादित आतंकवाद निरोधक बिल को विधानसभा से एक बार फिर पास करा लिया है। 12 साल पुराने गुजरात आतंकवाद एवं संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक (गुजकोक) के संशोधित मसौदे को मंगलवार को बीजेपी सरकार ने विधानसभा में पेश किया और यह पारित हो गया। कांग्रेस इस बिल का विरोध कर रही थी और जानकारी के मुताबिक वोटिंग से दूर रही। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद राज्य की मुख्यमंत्री आनंदी बेन को भरोसा है कि इस बार बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाएगी। 

गुजकोक को पिछले 12 सालों में तीन बार राज्य विधानसभा में पारित किया जा चुका है। अंतिम बार 2009 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी की सिफारिश के साथ भेजने से इनकार कर दिया था। इस बीच राज्य सरकार ने सदन में अब नया संशोधित विधेयक गुजरात आतंकवाद एवं संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक, 2015 पारित करा दिया है। इसमें कुछ संशोधन किए गए हैं, लेकिन विरोधियों का कहना है कि संशोधिन बिल में भी पुलिस के पास ज्यादा ताकत रहेगी और वह इसका दुरुपयोग कर सकती है। 

इसमें प्रावधान है कि आरोपी को 30 दिनों तक हिरासत में रखा जा सकता है, जबकि वर्तमान में यही सीमा 15 दिनों की है। एक और प्रस्ताव जिस पर बिल के विरोधियों को सबसे ज्यादा ऐतराज है, अगर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (सरकारी वकील) सिफारिश करता है तो पुलिस चार्जशीट करने के लिए 180 दिनों का समय ले सकती है। यह भी वर्तमान समय सीमा से दोगुनी है। विरोधी सबसे ज्यादा इन दोनों प्रावधानों का ही विरोध कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि इससे पुलिस के पास आरोपियों का उत्पीड़न करने के लिए पर्याप्त मौका होगा। 

राज्य के गृह राज्यमंत्री रजनीकांत पटेल ने बिल का समर्थन करते हुए कहा, 'पिछले कुछ वर्षों में संगठित अपराध हमारे समाज के लिए बड़े खतरे के रूप में सामने आया है। आर्थिक उन्नति के साथ गुजरात को आतंकवाद और आर्थिक अपराधियों के हमलों का सामना करना पड़ सकता है। इसे देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिल को पेश किया था, लेकिन पूर्व की यूपीए सरकार ने इसे खारिज कर दिया। अब मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल इसे वापस लाना चाहती हैं।'

विधानसभा में विपक्ष के नेता शंकर सिंह वाघेला ने इसका विरोध करते हुए कहा, 'मुझे पता है कि बिल विधानसभा से पास हो जाएगा लेकिन हम इसके विरोध में हैं। अगर यह सरकार गुजरात की सुरक्षा को लेकर इतनी चंतित थी तो वाजपेयी के सात साल शासन में रहने के दौरान इसे क्यों नहीं लाया गया।' 

पहली बार इस बिल को केंद्र के पास 2004 में भेजा गया था, तब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी। वाजपेयी सरकार ने इसमें संशोधन करने के सुझाव दिए थे। 2009 में भी केंद्र सरकार ने गुजरात सरकार के आतंकवाद निरोधक कानून के तीन प्रावधानों पर आपत्ति जताते हुए उसे वापस भेज दिया था और कहा था कि जब तक राज्य सरकार उसमें केंद्री कानून के अनुरूप संशोधन नहीं करती, वह इसे मंजूर करने की सिफारिश राष्ट्रपति को नहीं करेगी। तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने तब कहा था कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक पर फिर से विचार किया गया और इसके तीन प्रावधानों को गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून के अनुरूप नहीं पाया गया, जिसे देखते हुए केंद्र ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से इसे गुजरात सरकार को वापस करने की सिफारिश करने का फैसला किया। सौजन्यः एनबीटी

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गजब है! वश में करने के लिए सास-ससुर के चाय में बहू मिलाती थी पेशाब

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मध्य प्रदेश / इंदौर : इंदौर के जिला न्यायालय में सोमवार को एक अजीबोगरीब पारिवारिक मामला सामने आया। इंदौर राधिका नगर में रहने वाले एक परिवार का मामला इतना गंभीर हो गया की सूरज नागवंशी ने बहू नेहा नागवंशी की हरकतों से तंग आकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने सास की बात मानकर बहू नेहा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 

क्या है मामला : सूरज ने अपने बेटे की शादी बड़ी उम्मीदों के साथ की लेकिन उसकी बहु ससुराल में रहना नहीं चाहती थी। इसलिए वह शादी के कुछ दिनों बाद मायके चली गई थी। पति उसे जैसे-तैसे हाथ जोड़कर ससुराल लेकर आया तो पहले नेहा ने खुद को देवी आने की बात कहकर अपने पति से सेवा करवाना शुरू किया। नेहा अपने पति से अपने पैर दबवाती, खाना बनवाने सहित झाडू और बर्तन भी करवाती थी।

सास-ससुर ने जब इसका विरोध किया तो उन्हें अपने वश में करने के लिए उसने ऐसा घिनौना काम शुरू किया कि जिसने भी सुना वह हैरान रह गया। नेहा सास-ससुर पर वशीकरण करने के लिए उनकी चाय में अपनी पेशाब मिलाकर पिलाने लगी। एक दिन उसकी सास ने उसे ऐसा करते हुए पकड़ लिया और जब डांटने लगी तो उसने यह राज खोला।

घबराई सास पहुंची पहले थाने फिर कोर्ट की शरण : बहू की इस घिनौनी हरकत से सास इतनी डर गई की उसकी पहले थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई ना होने पर सास ने अपने वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे, ईश्वर प्रजापति और काशू महंत के माध्यम से कोर्ट में घरेलू प्रकरण लगाया। अधिवक्ता कुन्हारे बताते हैं कि जब सास और पति दीपक नागवंशी ने नेहा को ऐसा करने पर फटकारा तो उसने साफ़ तौर पर कहा कि वह उनको वश में करने के लिए ऐसा करती है। बहू के भाई को बताने पर उसने भी अपनी बहन का पक्ष लिया और पुलिस में होने का हवाला देकर उलटा सास-ससुर और पति को ही धमकाने लगा। वह अपनी बहन को अपने साथ ले गया।

बच्चे को भी करती थी तंग : नेहा के पति दीपक ने बताया कि उनकी शादी 2007 में हुई थी। शादी के तुरंत बाद नेहा अपने मायके रहने चली गई थी। कई बार समझाने के बाद भी वह वापिस नहीं आई। इसके बाद पति नेहा को हाथ पैर जोड़कर घर लाया था। पिछले दो तीन साल से उसने खुद के शरीर में देवी आने का ढोंग करना शुरू कर दिया था। वह मुझसे सारे काम करवाती थी। मैं यह सब यह सोचकर कर रहा था कि मेरा घर बना रहेगा, लेकिन उसने बेटे पर भी ध्यान देना बंद कर दिया था। वह उसे भी परेशान करती थी।

कोर्ट ने महिला बाल विकास अधिकारी से करवाई जांच : अधिवक्ता कुन्हारे बताते हैं कि कोर्ट में यह इस तरह का पहला ही मामला था। जब हमने कोर्ट के सामने सारी बात राखीं तो जज भी चौंक गए। आखिरकार उन्होंने महिला और बाल विकास अधिकारी को इस मामले की जांच के निर्देश दिए। कोर्ट द्वारा नियुक्त अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रेखा आर्यचन्द्रवंशी ने सरजूबाई द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए उनकी बहू नेहा और उसके भाई सत्यम कैलाश बहाल को 2 मई को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। सौजन्यः न्यूज़ ट्रैक

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इस महिला को है प्रेगनेंट बनाने के लिए आदमी की तलाश, फेसबुक पर डाला ऐड

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नई दिल्ली: वैसे तो आपने आज तक कई तरह के अजीबोगरीब विज्ञापनों के बारे में सुना और देखा होगा लेकिन क्या आपने कभी प्रेगनेंट बनाने के लिए आदमी की तलाश संबंधी किसी एड के बारे में सुना है?

शायद आपका जवाब होगा नहीं. जी हां! सुनने में यह भले ही थोड़ा अजीब लगे लेकिन लेकिन यह बिलकुल सच है. मिरर में छपी खबर के मुताबिक रोमानिया के टिमिसोआरा में रहने वाली एक महिला ने फेसबुक पर एक एड डाला है. महिला के इस विज्ञापन के अनुसार वह खुद को प्रेगनेंट बनाने के लिए एक आदमी की तलाश में है.

दरअसल 25 साल की एडिलेना अल्बू नाम की इस महिला की मानें तो रिलेशनशिप में रहना उसके लिए वक्त की फिजूलखर्ची है. केवल इतना ही नहीं एडिलेना प्यार-मोहब्बत को किसी हंगामें कम नहीं मानती. इसलिए वो विबा रिलेशनशीप में रहे सीधे मां बनकर अपने करियर को वैसा ही रखना और बढ़ाना चाहती है जैसे वह इस समय है.

एडिलेना पेशे से एक नेल पेंट आर्टिस्ट हैं और सिंगल मदर बनकर ही जिंदगी जीना चाहती हैं. एडिलेना जानती है कि मां बनने के लिए पहले उन्हें प्रेगनेंट होना पड़ेगा और इस बात को ध्यान में रखते हुए उसने फेसबुक का सहारा लिया.

एडिलेना ने अपने फेसबुक स्टेटस अपडेट करते हुए एक ऐसे आदमी को उससे कॉन्टैक्ट करने की बात कही है जो उसे प्रेगनेंट बनाने को तैयार हो. एडिलेना इस काम के लिए उस शख्स को हजारों रुपए भी देने के लिए तैयार हैं.
 
एडिलेना कहती हैं कि जो भी इंट्रेस्टेड कैंडिडेट होगा और उसे पसंद होगा, वो उसे सेक्स के लिए रुपए देने को तैयार होंगी. हालांकि संबंध बनाने वाले पुरुष को पहले फर्टिलिटी टेस्ट करवाना होगा.

केवल इतना ही नहीं उस शख्स को बच्चे पर अधिकार ना जाहिर करने के पेपर्स भी भरने पड़ेगे. आपको बता दें कि एडिलेना के फेसबुक पर नौ हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. उसे लगता है कि वो इतनी मैच्योर है कि एक बच्चे को संभाल सके. सौजन्य: ABP

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योगेंद्र-प्रशांत भूषण विवाद से मोदी को हुआ फायदा- केजरीवाल

02:09 Unknown 0 Comments

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी  में कल हंगामेदार राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आप के चार संस्थापक सदस्यों योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, आनंद कुमार, अजीत झा को कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया. कल राष्ट्रीय परिषद में केजरीवाल ने जो भाषण दिया था उसमें उन्होंने साफ-साफ कह दिया था कि आप या तो इनको चुनिए या मुझे. कल केजरीवाल ने सारे पदों से इस्तीफे की भी पेशकश की थी और कहा था कि जो कुछ हो रहा है उससे मोदी को फायदा हो रहा है.

अब  दोनो को पार्टी से निकालने की तैयारी हो रही है.  कल राष्ट्रीय परिषद में केजरीवाल ने जो भाषण दिया था उसमें उन्होंने साफ साफ कह दिया था कि आप या तो इनको चुनिए या मुझे. कल केजरीवाल ने सारे पदों से इस्तीफे की भी पेशकश की थी. और कहा था कि जो कुछ हो रहा है उससे मोदी को फायदा हो रहा है.

केजरीवाल ने सुनाई कहानी-
एक बार किंग सोलोमन के पास एक बच्चे की दावेदारी लेकर दो महिलाएं पहुंची थी. असली मां का फैसला न होने पर राजा ने कहा कि बच्चे के दो टुकड़े करके एक एक दोनों महिलाओं को दे दिया जाए. इस पर एक महिला तो तैयार हो गई लेकिन दूसरी ने कहा कि मुझे बच्चा नहीं चाहिए. आप बच्चा पहली महिला को ही दे दीजिए. ये सुनकर राजा ने दूसरी महिला को बच्चा देने का फैसला किया.

कहानी का सार ये है कि केजरीवाल उस महिला की तरह हैं जो अपने बच्चे यानी आम आदमी पार्टी को बचाने के लिए हर मुमकिन त्याग के लिए तैयार हैं जबकि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव जैसे लोग पार्टी को दो फाड़ करना चाहते हैं. लेकिन योगेंद्र यादव की मानें तो बैठक में केजरीवाल ने धमकी के अंदाज में कहा कि पार्टी में या तो वो रहेंगे या फिर प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव.

 
कल केजरीवाल ने भाषण में क्या कहा-.
# आपको तय करना है कि क्या मैं इस्तीफा दूं?

# मैं आपको पशोपेश में नहीं डालना चाहता, आप य़ा तो इन्हें चुन लीजिए या मुझे चुनिए- केजरीवाल

# प्रशांत मिलना नहीं चाहते थे, दुनिया को दिखाना था- केजरीवाल

# सवाल उठे कि 5 साल केजरावल के नाम पर 10 करोड़ रुपए क्यों फूंके गए- केजरीवाल

# यह लड़ाई स्द्धांतों की है या महत्वाकांक्षा की? सिद्धातों के नाम पर महत्वाकांक्षा की लड़ाई तो नहीं चल रही?- केजरीवाल



# बीजेपी, कांग्रेस कह नहीं सकते कि केजरीवाल बेईमान है, साजिशों का सामना हम कर रहे हैं- केजरीवाल

# दिल्ली  में हराने की साजिश की गई, प्रेस कांफ्रेस करके पार्टी को बर्बाद करने की और हराने की धमकी दी जाती थी- केजरीवाल

#  प्रशांत ने कहा था कि पार्टी हारेगी, तभी केजरीवाल को सबक मिलेगा- केजरीवाल

# आवाम संस्था खड़ी की गई, बीजेपी ने फंड दिया- केजरीवाल

# मैंने कहा- दिल्ली चुनाव लड़ने के अधिकार मेरे पास होने चाहिए

# मैं राजनीति छोड़ रहा था, दोनों ने पार्टी छेड़ने से रोका- केजरीवाल

# ये सच है कि राष्ट्रीय कार्य़कारिणी की बैठक में मैं टूटा, रोया- केजरीवाल
 
# मैंने कहा था कि योगेंद्र, प्रशांत से लड़ने नहीं आया, मैंने कहा था मैं अंबानी और मोदी और वाड्रा से लड़ सकता हूं- केजरीवाल

# मेंरे नेतृत्व, कार्यशैली पर हमले किए गए, ईमेल किए गए, फिर लीक किए गए- केजरीवाल

# कहा गया कि योगेंद्र यादव का पार्टी संयोजक बनाया जाना है, आपको सचिवालय का काम देखना है- केजरीवाल

# योगेंद्र- प्रशांत मामले से क्या पार्टी में लोकतंत्र आ गया? -केजरीवाल

# सत्या को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था- केजरीवाल

# जो हुआ उससे मोदी, बीजेपी, कांग्रेस को फायदा हुआ- केजरीवाल

# पिछले एक महीने नहीं बल्कि एक साल से षड्यंत्र रचे जा रहे हैं - केजरीवाल
सौजन्य: एबीपी न्यूज़

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देखो ट्रेलर: अंतरिक्ष में एक साल: समय आ गया है अभूतपूर्व नई श्रृंखला के लिए

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सौजन्य: TIME


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मेधा पाटकर का आम आदमी पार्टी से इस्तीफा

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नई दिल्लीः आपसी कलह के दौर के बाद आर-पार की लड़ाई से जूझ रही आम आदमी पार्टी की नेता मेधा पाटकर ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अपना इस्तीफा देते समय मेधा पाटकर ने कहा, योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर जो आरोप लगे वो गलत हैं और जो हुआ ठीक नहीं हुआ। उन्होंने कहा, आज की घटना काफी दुखद है।

इससे पहले पार्टी की कार्यशैली में कई अहम बदलावों की मांग कर रहे योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को AAP की राष्ट्रीय परिषद से निष्कासित कर दिया गया। राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग से बाहर आते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि आज लोकतंत्र की हत्या हुई है, कई लोगों के साथ मारपीट हुई। योगेंद्र ने कहा, बैठक का ड्रामा किया गया था यहां तो बाउंसरों को बुलाया गया था। 

भूषण ने कहा कि शुक्रवार को जारी हुए स्टिंग ऑपरेशन में अरविंद केजरीवाल जो कुछ भी कहते हुए सुनाई दे रहे थे, उसे आज की बैठक में पूरा किया गया। लोगों को लात-घूसे मारकर और घसीटकर मीटिंग से बाहर किया गया। दोनो नेताओं ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित कई नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यहां गुंडों को मीटिंग में बुलाया गया था, जिनमें से कुछ को हम विधायक भी कहते हैं। 

'आप' की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी के संस्थापक सदस्यों योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाया गया। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भूषण और यादव को हटाने का प्रस्ताव भारी बहुमत से पारित हुआ। योगेंद्र यादव के समर्थकों आनंद कुमार और अजीत झा को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया गया। प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि बैठक में गुंडे बुलाए गए थे। हमारे समर्थकों को बैठक में पीटा गया। यह बैठक पूरी तरह से एक स्वांग थी। 

दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और आशुतोष इस आरोपों को झुठलाते दिखाई दिए। AAP नेता संजय सिंह ने कहा कि अगर आप चाहें तो हम इस बात का सबूत भी पेश कर देंगे। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी नेताओं ने कहा कि 8 लोगों ने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के पक्ष में वोट किया जबकि 247 सदस्यों ने उन्हें राष्ट्रीय परिषद से बाहर करने के समर्थन में हाथ उठाया।

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वर्ल्ड कप फाइनल होगा माइकल क्लार्क के कैरियर का अंतिम ODI

04:03 Unknown 0 Comments

मेलबर्नः ऑस्ट्रेलिया के कप्तान माइकल क्लार्क कल यहां एमसीजी पर न्यू जीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप के खिताबी मुकाबले के बाद वनडे क्रिकेट को अलविदा कहेंगे। क्लार्क ने कहा कि यह सीमित ओवरों के प्रारूप से संन्यास लेने का सही समय है, जिससे कि नए कप्तान को टीम को तैयार करने के लिए पर्याप्त समय मिले। 

चार दिन बाद 34 बरस के हो रहे क्लार्क ने आस्ट्रेलिया की ओर से अब तक 244 वनडे में आठ सेंचुरी और 57 अर्धशतकों की मदद से 44. 42 की औसत से 7907 रन बनाए हैं। वह हालांकि टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलते रहेंगे। 

वनडे टीम में अपनी जगह बनाए रखने को लेकर दबाव का सामना कर रहे क्लार्क ने फाइनल मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस संन्यास की घोषणा की। क्लार्क ने खचाखच भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैं चाहता हूं कि सभी को पता चले कल मैं ऑस्ट्रेलिया की ओर से अपना अंतिम वनडे मैच खेलूंगा। मैंने टीम के अपने साथियों के साथ बात की है और उन्हें सूचित किया कि कल का मैच ऑस्ट्रेलिया की ओर से मेरा अंतिम वनडे मैच होगा।' उन्होंने कहा कि मुझे अभी पता चला है कि कल का मैच मेरा ऑस्ट्रेलिया के लिए 245वां वनडे अंतरराष्ट्रीय मुकाबला होगा। इतने मैचों में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है।' 

क्लार्क का वनडे में रिकॉर्ड प्रभावी है, लेकिन वह भारत के खिलाफ काफी सफल नहीं रहे। उन्होंने टीम इंडिया के खिलाफ 31 मैचों में दो सेंचुरी से 39 की औसत के साथ 858 रन बनाए। क्लार्क ने 73 वनडे मैचों में ऑस्ट्रेलिया की अगुआई की है, जिसमें से टीम ने 49 मैचों में जीत दर्ज की। उन्होंने 108 टेस्ट में अब तक 28 सेंचुरी और 27 फिफ्टी की मदद से 50.79 के औसत के साथ 8432 रन बनाए हैं। 

क्लार्क को हाल के महीनों में चोटों से जूझना पड़ा है और पिछले साल दिसंबर में भारत के खिलाफ चार टेस्टों की सीरीज का पहला मैच खेलने के बाद उन्हें सर्जरी करानी पड़ी थी। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान के विश्व कप में खेलने पर भी सवालिया निशान लग गया था लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ वर्ल्ड कप के दूसरे लीग मैच तक उबरने का समय दिया था।

क्लार्क ने पूर्ण फिटनेस हासिल की और टूर्नामेंट में टीम की शानदार अगुआई की लेकिन वह बल्ले से अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं हैं। न्यू साउथ वेल्स के क्लार्क ने कहा कि उनके संभावित उत्तराधिकारी स्टीवन स्मिथ को अब टीम की अगुआई की तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा जैसा कि रिकी पॉन्टिंग के वनडे से संन्यास के समय उन्हें मिला था।

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एक कबूतर ने उड़ाई गुजरात पुलिस की नींद

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नई दिल्लीः गुजरात पुलिस प्रदेश के समुद्र तट पर एक कबूतर को देखकर उस समय सतर्क हो गयी जब पक्षी पर एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगा और उसके पंखों पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ दिखाई दिया। इस संबंध में तुरंत केन्द्रीय गृहमंत्रालय को भी आगाह किया गया। अधिकारियों ने बताया कि गुजरात सरकार ने एक संदेश में केन्द्रीय गृह मंत्रालय को इस घटना से अवगत करा दिया है।

कबूतर को पहली बार 20 मार्च को सलाया एस्सार जेट्टी से करीब पांच समुद्री माइल दूर देखा गया। गुजरात के
देवभूमि द्वारका जिले में इस जेट्टी का निर्माण चल रहा है। जेट्टी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों में से एक ने देखा कि कबूतर के एक पंजे में इलेक्ट्रॉनिक चिप है तो दूसरे में बंधे छल्ले पर ‘28733’ लिखा हुआ है।

कबूतर के पंखों पर अरबी भाषा में ‘रसूल-अल-अल्लाह’ लिखा हुआ है। चिप पर ‘बेंजिंग डुअल’ लिखा हुआ है। जेट्टी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने अगले दिन इसकी सूचना तटरक्षक बल को दी और आगे की जांच के लिए कबूतर उन्हें सौंप दिया।
तटरक्षक ने दो दिन बाद स्थानीय पुलिस को सूचित कर प्राथमिकी दर्ज करायी। जिला पुलिस ने कबूतर के पंजों से चिप और छल्ला दोनों निकाल कर उन्हें गांधीनगर स्थित फॉरेंसिक प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिया है।

गुजरात वन विभाग के अधिकारियों को भी इस कबूतर पर जानकारी पाने के लिए बुलाया गया था। इस प्रजाति के कबूतर उत्तर भारत में मिलते हैं और विदेशों, विशेष तौर से खाड़ी देशों में इनका इस्तेमाल ‘कबूतर दौड़’ में होता है। जांच में पता चला है कि ‘बेंजिंग डूअल’ शब्द का उपयोग कुछ अन्य देशों में कबूतरों की दौड़ के लिए भी होता है।
गुजरात पुलिस की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार संभवत: कबूतर किसी जहाज से उड़ा होगा और गलती से भटकते हुए पेयजल की तलाश में सलाया एस्सार जेट्टी पहुंच गया होगा। हालांकि कोई भी खतरा मोल नही लेने के लिहाज से गुजरात सरकार ने इसकी पूरी सूचना केन्द्रीय गृहमंत्रालय को दे दी है।

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जर्मनविंग्स हादसाः पायलट ने ऐक्स गर्लफ्रेंड से कहा था, 'एक दिन सब मेरा नाम जानेंगे'

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जर्मनीः फ्रांस में जर्मनविंग्स के विमान को क्रैश कराने वाले पायलट ने अपनी ऐक्स गर्लफ्रेंड से कहा था, 'एक दिन सब मेरा नाम जानेंगे।' एक जर्मन समाचारपत्र बिल्ड ने उस पायलट की ऐक्स गर्लफ्रेंड का इंटरव्यू छापा है। 
बिल्ड को दिए एक इंटरव्यू में 26 वर्य फ्लाइट अटेंडेंट मारिया डब्ल्यू ने बताया कि जब उन्होंने प्लेन क्रैश के बारे में सुना तो उन्हें पिछले साल एंड्रीज लुबीत्ज द्वारा कही गई बात याद आ गई, 'एक दिन मैं ऐसा कुछ करूंगा कि जो पूरे सिस्टम को बदल देगा और हरकोई मेरा नाम जानेगा और मुझे याद करेगा।'

विमान के ब्लैक बॉक्स के वॉइस रिकॉर्डर से यह संकेत मिलता है कि 27 वर्षीय पायलट लुबित्ज ने अपने कैप्टन को कॉकपिट के बाहर लॉक कर दिया था और जानबूझकर फ्लाइट 4U 9525 को पहाड़ियों की तरफ ले गया। फ्रेंच अधिकारियों ने कहा कि ऐसा लगता है कि जो भी हुआ वह आत्महत्या और जनसंहार का मामला था। 

मामले की जांच कर रही पुलिस ने को-पायलट लुबित्ज़ के फ्लैट की करीब चार घंटे तक अच्छे से तलाशी ली और तथ्य जुटाए। पुलिस ने बताया कि इस दौरान उसे महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। ऑफिसर्स ने यह तो जाहिर नहीं किया कि फ्लैट से मिली महत्वपूर्ण जानकारी क्या है, मगर उन्होंने साफ कर दिया कि उन्हें सूइसाइड नोट नहीं मिला है। इस फ्लैट में वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहता था। 

एक दिन पहले ही लुबित्ज़ के बॉस ने स्वीकार किया था कि वह किसी तरह से 'सुरक्षा चक्र' से बच गया था और उसे यह फ्लाइट उड़ाने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए थी। यह भी साफ हुआ है कि वह डिप्रेशन का शिकार था और उसने बीच में कई महीने का ब्रेक भी लिया था। लेकिन बाद में फ्लाइट उड़ाने के लिए उसने सभी साइकोलॉजिकल टेस्ट क्लियर कर लिए थे। 

एक दिन पहले ही यह थिअरी सामने आई थी कि उसने जान-बूझकर प्लेन को क्रैश कराया था। फ्रांस के प्रॉसिक्यूटर्स ने कॉकपिट के वॉइट रेकॉर्डर का जिक्र करते हुए कहा कि को-पायलट ने प्लेन पर अकेले ही पूरा कंट्रोल बना लिया था और जानबूझकर वह उसे नीचे की तरफ ले जाने लगा। प्लेन के मुख्य पायलट ने इससे पहले ही कॉकपिट छोड़ दिया था और दरवाजा लॉक होने के बाद वह अंदर नहीं आ सका था। 

उसकी ऐक्स गर्लफ्रेंड ने कहा कि अगर लुबित्ज ने यह जानबूझकर किया तो, 'यह इसलिए क्योंकि वह समझ गया थआ कि उसकी स्वास्थ संबंधी समस्याओं के कारण लुफ्थांसा में लंबे समय तक कैप्टन बनने का उसका सपना पूरा नहीं हो पाएगा।' वे दोनों एकदूसरे से इस कारण से अलग हो गए क्योंकि यह स्पष्ट हो गया कि उसे समस्याएं (स्वास्थ की) थीं। उसने कहा कि वह रात में अचानक जाग जाता था और चीखता था कि, 'हम नीचे जा रहे हैं।' वह दुःस्वप्न से ग्रस्त था। 

बिल्ड ने पहले की अपनी रिपोर्ट में जर्मनी की एयर ट्रांसपोर्ट रेग्युलेटर की रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि 2009 में गंभीर अवसाद से उबरने के लिए लुबित्ज ने मनोवैज्ञानिक की सहायता ली थी और अभी भी डॉक्टर्स से सहायता ले रहा था। लुफ्थांसा के सीईओ कार्सटन स्फोर ने कहा कि लुबित्ज ने 2008 में शुरू हुई अपनी पायलट ट्रेनिंग को एयरबस A320 के लिए फिर से क्वॉलिफाई करने और फिर से जॉइन करने से पहले एक निश्चित अवधि के लिए रोक दिया था।

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BCCI को पाक और बांग्लादेश से आए फोन, कहा- ‘मौका… मौका…’

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मुंबईः क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान बनी ऐड ‘मौका… मौका…’ सुपरहिट साबित हुई थी। इस ऐड में एक पाकिस्तानी फैन शिद्दत से इंतजार कर रहा है कि कब पाक टीम वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को हराती है। मगर ऐसा हो नहीं पाता और सालों से बचाकर रखे पटाखे वह फोड़ नहीं पाता है। लेकिन अब भारत भी सेमीफाइनल में

अॉस्ट्रेलिया के हाथों Maukaहार चुका है और इसके बाद यह ऐड बीसीसीआई के लिए परेशानी का सबब बन गया। मैच के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश के क्रिकेट फैन्स ने बीसीसीआई ऑफिस में फोन कॉल्स की झड़ी लगा दी। फोन करके वे गा रहे थे- ‘मौका…मौका…’, क्या हुआ मौके का?

इस बारे में अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार इस तरह के कॉल 200 से भी ज्यादा बार किए गए। यह ऐड कैंपेन आगे के अन्य मैचों में भी अलग-अलग तरीके से चला, मगर भारत के ऑस्ट्रेलिया से हारने पर पाकिस्तान और बांग्लादेश के क्रिकेट प्रेमियों को मौका मिल गया मजा लेने का।

बीसीसीआई के स्टाफ के मुताबिक शुक्रवार शाम 4 बजे से कॉल आने का सिलसिला शुरू हुआ। आखिर में तंग आकर फोन का कनेक्शन हटाना पड़ा। बाद में जब टेलिफोन कंपनी को ये नंबर ट्रेस करने के लिए कहा गया, तो मालूम हुआ कि ज्यादातर फोन बांग्लादेश से आ रहे थे और बाकी पाकिस्तान से। जिस नंबर पर कॉल की जा रही थीं, वह दरअसल बीसीसीआई की वेबसाइट पर दिया गया है तांकि पूछताछ और मैचों के शेड्यूल के बारे में लोग आसानी से पता कर सकें। लेकिन ऐसा पहली बार देखने को मिला जब इनका प्रयोग पाकिस्तान और बांग्लादेश के क्रिकेट प्रेमियों ने मज़ा लेने के लिए किया। सौजन्यः  एनबीटी

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योगेंद्र यादव ने कहा-बैठक में भीड़ को उत्तेजित कर रहे थे अरविंद केजरीवाल

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आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर होने के बाद योगेंद्र यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अरविंद केजरीवाल पर हमले बोले. यादव ने कहा, 'यह बैठक सुनियोजित थी, जिसमें अरविंद केजरीवाल अपने संबोधन के दौरान बार-बार भीड़ को उत्तेजित कर रहे थे। अरविंद ने बैठक में कहा कि या तो ये रहेंगे या मैं रहूंगा.' 

'छोटे भाई ने दी गाली, मुझे कोई शिकायत नहीं' 
शनिवार को आम आदमी पार्टी के चारों बागी नेताओं योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रोफेसर आनंद कुमार और अजीत झा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. दिल्ली के कापसहेड़ा में हुई राष्ट्रीय परिषद की हंगामेदार बैठक में यह फैसला हुआ. इस बैठक की अध्यक्षता कुमार विश्वास ने की और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संबोधन किया. 
योगेंद्र यादव के साथ धक्का-मुक्की
शनिवार को सुबह दस बजे बैठक शुरू होने से पहले ही बाहर हंगामा होना शुरू हो गया था. योगेंद्र यादव के साथ बाहर कुछ लोगों ने धक्का-मुक्की की. यादव ने दावा किया कि कई सदस्यों को बैठक में जाने नहीं दिया जा रहा और इसी के विरोध में उन्होंने बैठक के बाहर लगभग एक घंटे तक धरना भी दिया. योगेंद्र यादव को देखकर 'गद्दारों को बाहर निकालो' के नारे भी लगाए गए.
 
संबोधन में भावुक हुए केजरीवाल
AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष के बीच में बैठक से बाहर आने के बाद योगेंद्र यादव ने अपना धरना खत्म किया और वो अंदर बैठक में गए. इस बीच केजरीवाल ने बैठक में भाषण दिया और सूत्रों की मानें तो वो संबोधन के दौरान भावुक भी हुए. केजरीवाल भाषण के बाद बैठक से बाहर निकल गए और कुछ देर बाद योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण भी गुस्से में बाहर निकले. इन दोनों नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर करने का फैसला किया जा चुका था.

योगेंद्र यादव का हमला 
यादव ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'आज की बैठक में जो हुआ, उतनी घटिया हरकतें तो दूसरी पार्टियों में भी नहीं होती. बैठक के अंदर गुंडागर्दी और मारपीट होती रही, लेकिन केजरीवाल ने चुप्पी साधे रखी.' उन्होंने कहा कि अपने पूरे भाषण के दौरान केजरीवाल सिर्फ उनकी और प्रशांत भूषण की बुराई करते रहे. यादव ने यह भी कहा कि लोकपाल आंदोलन से निकलने वाली पार्टी ने अपने ही लोकपाल को इज्जत नहीं दी. बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए प्रस्ताव आया और उसे पारित भी कर दिया गया. 
AAP ने दी सफाई
चारों बागियों को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर करने के बाद आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई पेश की. पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा, 'प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को हटाने के प्रस्ताव के पक्ष में 247 और विरोध में 8 वोट पड़े थे.' उन्होंने बैठक में कार्यकारिणी के सदस्य रमजान चौधरी से मारपीट की बात को बेबु‍नियाद बताते हुए कहा कि हमारे पास प्रमाण मौजूद है कि बैठक में कोई मारपीट नहीं हुई. संजय सिंह ने कहा कि रमजान चौधरी अरविंद केजरीवाल के भाषण के बीच में ही चिल्लाने लगे थे. 
बाउंसर से पिटवाने का आरोप
प्रशांत और योगेंद्र ने दावा किया कि बैठक पूरी तरह एकतरफा था और बैठक में खूब हंगामा भी हुआ. आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रमजान चौधरी ने कहा कि जब उन्होंने प्रशांत और योगेंद्र के मुद्दे पर वोटिंग करने के लिए आवाज उठाई तो बाउंसर को बुलवाकर उन्हें जूतों से पीटा गया. यादव ने भी चौधरी की पिटाई होने की पुष्टि की. प्रशांत ने कहा, 'उन्हें बैठक में बोलने ही नहीं दिया गया. अवैध तरीके से वोटिंग कराई गई और लोकपाल को बैठक में नहीं आने दिया गया.
उधर प्रोफेसर आनंद कुमार ने कहा कि वो न पार्टी को छोड़ेंगे और न तोड़ेंगे, बल्कि पार्टी को सुधारेंगे. आशुतोष ने ट्वीट किया कि अगर योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी के आतंरिक लोकतंत्र पर थोड़ा भी विश्वास है तो पार्टी की सबसे ऊंची इकाई के फैसले का सम्मान करें. सौजन्य: आजतक 

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गजब! यहां भिखारियों ने खोल लिया अपना बैंक

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गयाः बिहार के गया शहर में भिखारियों के एक समूह ने अपना एक बैंक खोल लिया है, जिसे वे ही चलाते हैं और उसका प्रबंधन करते हैं, ताकि संकट के समय उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिल सके। गया शहर में मां मंगलागौरी मंदिर के द्वार पर वहां आने वाले सैकड़ों श्रद्धालुओं की भिक्षा पर आश्रित रहने वाले दर्जनों भिखारियों ने इस बैंक को शुरू किया है। भिखारियों ने इसका नाम मंगला बैंक रखा है। इस अनोखे बैंक के 40 सदस्यों में से एक राज कुमार मांझी ने कहा कि यह सच है कि हमने अपने लिए एक बैंक स्थापित किया है।

मांझी ने कहा कि बैंक प्रबंधक, खजांची और सचिव के साथ ही एक एजेंट और बैंक चलाने वाले अन्य सदस्य सभी भिखारी हैं। संयोग से इस बैंक के प्रबंधक मांझी हैं। बैंक के खातों एवं अन्य काम प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त रूप से शिक्षित मांझी ने कहा कि हम में से हर एक बैंक में हर मंगलवार को 20 रुपये जमा कराते हैं जो 800 रुपये साप्ताहिक जमा हो जाता है। बैंक के एजेंट विनायक पासवान ने कहा कि उनका काम हर हफ्ते सदस्यों से पैसे लेकर जमा कराना है।

छह माह पहले स्थापित बैंक की सचिव मालती देवी ने कहा कि यह पिछले साल बड़ी उम्मीद के साथ और भिखारियों की अभिलाषाओं की पूर्ति के लिए शुरू किया गया। हमारे साथ अभी तक समाज में अच्छा व्यवहार नहीं होता, क्योंकि हम गरीबों में भी गरीब हैं। भिखारियों से अपना खाता खुलवाने के लिए मालती अब ज्यादा से ज्यादा भिखारियों से संपर्क साध रही हैं। उन्होंने कहा कि बैंक के सदस्य जो भिखारी हैं, उनके पास न तो बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) और न ही आधार कार्ड है।

मांझी की पत्नी नगीना देवी बैंक की खजांची है। उन्होंने कहा कि मेरा काम जमा हुए पैसों का लेन-देन करना है। मांझी ने कहा कि उनका बैंक आपात स्थिति आने पर भिखारियों की मदद करता है। उन्होंने कहा कि इस माह की शुरुआत में मेरी बेटी और बहन खाना पकाते समय झुलस गई थीं। बैंक ने उनका इलाज कराने के लिए मुझे 8000 रुपये का कर्ज दिया। मांझी ने कहा कि यह इस बात का उदाहरण है कि उनके जैसे भिखारी को बैंक किस तरह मदद कर सकता है। यह मदद राष्ट्रीयकृत बैंकों में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया, जैसे कागजी काम या जमानतदार के बगैर पूरी होती है। मांझी को एक माह तक इस कर्ज पर ब्याज नहीं देना पड़ा।

वहीं, मालती ने कहा कि बैंक ने धन वापसी का दबाव बनाने के लिए कर्ज पर 2 से 5 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना अनिवार्य किया है। नाथुन बुद्धा, बसंत मांझी, रीता मसोमात व धौला देवी ने कहा कि उन्हें यह खुशी है कि उनके पास अब कम से कम अपना बैंक तो है। भिखारियों को अपना बैंक शुरू करने के लिए अत्यंत निर्धन एवं समाज कल्याण राज्य समिति के अधिकारियों ने इसी वर्ष प्रोत्साहित किया था।

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Audio: स्टिंग में फिर फंसे केजरीवाल, पार्टी नेताओं को दे रहे गाली!

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल का एक और कथित स्टिंग सामने आया है।
इस टेप में केजरीवाल ने प्रशांत भूषण-योगेंद्र यादव खेमे के दो नेताओं आनंद कुमार और अजित झा के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। यह टेप पार्टी के कार्यकर्ता उमेश सिंह और केजरीवाल के बीच हुई बातचीत का बताया जा रहा है। इस ऑडियो टेप के प्रामाणिकता की पुष्टि हम नहीं करते।
इस कथित स्टिंग में उमेश सिंह केजरीवाल से कह रहे हैं कि अगर वह पार्टी के अंदर की कलह को सुलझा लेते हैं तो वह मोदी से बड़े नेता बन सकते हैं। इस बातचीत के दौरान केजरीवाल बुरी तरह भड़क जाते हैं और अपनी अलग पार्टी बनाने की बात तक कह डालते हैं। टेप में केजरीवाल कह रहे हैं कि आप योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ मिलकर काम कीजिए। आपको मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाए हैं। मैं इस लड़ाई-झगड़े के लिए नहीं आया था। अगर जरूरत पड़ी तो आम आदमी पार्टी छोड़कर अलग पार्टी बनाने की सोच रहा हूं। आप लोग संभालिए आम आदमी पार्टी को। बहुत अच्छी टीम है। इसके बाद कथित तौर पर केजरीवाल ने अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया है। ये ऐसे अपशब्द हैं जिन्हें सार्वजनिक जीवन जी रहे लोगों की जुबानी इससे पहले शायद ही सुना गया हो।
आम आदमी पार्टी के नेता एवं बनारस हिंदू विश्व-विद्यालय छात्र संघ के पूर्व महामंत्री डॉ उमेश सिंह ने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल अपनी मुटी में अधिकार रखने के लिए नई पार्टी भी बना सकते हैं। बिहार के सह प्रभारी डॉ सिंह आज यहां जारी बयान में कहा कि केजरीवाल राष्ट्रीय कार्य परिषद में कार्यकारिणी के 9 रिक्त पदों को भरने की बजाय प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को निकालने के पक्ष में हैं और अगर वह एसा नहीं कर सके तो वह अपनी अलग पार्टी भी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पिछले दिनों मुलाकात के दौरान यह बात कही थी कि वह टूटना पसंद करेंगे झुकना नहीं। सौजन्य: Ibn7



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करोड़ों का बिजनेस करने वाले शाहरुख और वो 50 रुपये!

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मुंबईः बॉलीवुड के 'बादशाह' शाहरुख खान की फिल्में भले ही आज बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों का बिजनेस करती हों, लेकिन उनकी फर्स्ट जॉब और फर्स्ट सैलरी के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी होगी। खैर, कोई बात
नहीं, चलिए बताते हैं कि आखिर किंग खान की फर्स्ट जॉब और फर्स्ट सैलरी क्या थी। 

आपको जानकर हैरानी होगी कि जो सुपरस्टार आज करोड़ों की कमाई करता है और उसका पहला मेहनताना मात्र 50 रुपये का था! जी हां, यह बिल्कुल सच है। खुद शाहरुख ने इस बात का खुलासा किया है। शाहरुख सबसे पहले एक मूवी थिएटर में टिकट सेल्समैन का काम किया करते थे और तब वह सिर्फ 50 रुपये कमाते थे। 

शाहरुख टीवी गेम शो 'इंडिया पूछेगा सबसे शाणा कौन?' के ग्रैंड फिनाले में अपनी फर्स्ट जॉब के बारे में बात करते नजर आएंगे। इसके साथ ही वह आगरा स्थित ताजमहल देखने के अपने सपने के बारे में भी बात करेंगे कि किस तरह से उनका सपना पूरा हुआ। शाहरुख के इस शो का अंतिम एपिसोड शुक्रवार को प्रसारित किया जाएगा, जिसमें आलिया भट्ट, करण जौहर और अनुष्का शर्मा जैसे बॉलीवुड सितारे भी हिस्सा लेंगे। सौजन्यः दैनिक जागरण

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J&K विधानसभा की शर्मसार कर देने वाली तस्वीर, विजिटर गैलरी से देख रहे थे स्कूली बच्चे

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जम्मूः शुक्रवार की सुबह जम्मू-कश्मीर विधानसभा की शर्मसार कर देने वाली तस्वीर देखने को मिली। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विधायक एक-दूसरे से भिड़ते दिखाई दिए। यही नहीं कई तो रोकने के बावजूद धक्का-मुक्की करने से बाज नहीं आए।
स्थिति इतनी बदतर हो गई कि इस झगड़े में बेंच गिर गया जिस वजह से कई विधायक गिर गए। इस सब के बीच जो सबसे शर्मसार कर देने वाली बात रही, वो यह कि जब विधायक आपस में लड़ रहे थे, तब कुछ स्कूली बच्चे विजिटर गैलरी में बैठे हुए थे।

स्थिति को बेकाबू होता देख जब मार्शल ने विधायकों को रोकने का प्रयास किया तो इउनके साथ भी धक्का-मुक्की की गई और बीच बचाव करने के लिए कई अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को भी सामने आना पड़ा। इस पूरे घटनाक्रम के बाद पीडीपी के नेता नईम अख्तर ने कहा, 'मुझे बुरा लग रहा है कि हमने स्कूली बच्चों के साथ एसेंबली में ऐसा बुरा व्यवहार किया। मुझे नहीं लगता है कि यह बच्चों के लिए यादगार लम्हा रहेगा।'

बताया जा रहा है कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन अचानक ही सदन के अंदर इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और धक्का-मुक्की शुरू हो गईय़ विपक्ष की पार्टियों ने सरकार पर झूठे वादे करने का आरोप लगाया। वे सरकार में गठबंधन के साथी बीजेपी और पीडीपी के बीच मतभेद के मुद्दों लेकर हंगामा कर रहे थे। सौजन्यः आज तक

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अपनी मनमानी चाहते थे केजरीवाल, दूसरी पार्टी बनाने की बात कही: प्रशांत भूषण

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नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (आप) में मचे घमासान के बीच योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके समर्थकों पर गंभीर सवाल उठाए। प्रशांत भूषण ने कहा कि कल पार्टी के लिए ऐतिहासिक दिन है और हम चाहते हैं कि इसकी बैठक किसी हंगामे के बिना सुचारू तरीके से हो। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों से कहा गया है कि उन्हें फोन भी भीतर लेकर जाने की इजाजत नहीं मिलेगी, यह गलत है और हम मांग करते हैं कि बैठक की रिकॉर्डिंग कराई जाए। भूषण ने तर्कों और तथ्यों के जरिए यह जताने की कोशिश की कि केजरीवाल तानाशाह हैं और उन्हें ऐसे लोग बर्दाश्त नहीं है जो उनकी हां में हां नहीं मिला सकते।

योगेंद्र यादव के अलावा प्रफेसर आनंद कुमार और अजीत झा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद प्रशांत भूषण ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए कहा कि सभी विधायक जो परिषद के सदस्य भी नहीं है उन्हें इसमें आमंत्रित सदस्य के तौर पर बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि इन विधायकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने साथ 50-50 समर्थकों को लेकर भी राष्ट्रीय परिषद में पहुंचे। प्रशांत भूषण ने कहा कि मैं कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि जो राष्ट्रीय परिषद के सदस्य नहीं हैं, वे बैठ में नहीं आएं।

पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से निकाले जा चुके योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने एक बार फिर दोहराया कि अरविंद केजरीवाल का राष्ट्रीय संयोजक रहना उनके लिए मुद्दा नहीं है। दोनों ने कहा कि वे कोई भी मुद्दा उठाते हैं तो उसे केजरीवाल के साथ जोड़ दिया जाता है और कहा जाता है कि आप दोनों राष्ट्रीय कार्याकरिणी से इस्तीफा दे दीजिए क्योंकि अरविंद किसी भी हाल में हमारे साथ काम करने को तैयार नहीं हैं। दोनों ने कहा कि कल पार्टी की तरफ से यह झूठ बोला गया कि हमने इस्तीफा दे दिया है, जबकि हमारे एक भी मांगें नहीं मानी गई हैं।

योगेंद्र यादव ने कहा कि पिछले एक महीने में पार्टी में बहुत कुछ टूटा है और उथलपुथल के बीच आंदोलन की आत्मा को बचाए रखने का संघर्ष है। उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव किसी कमिटी में रहें या नहीं, हम तो केवल इतना चाहते हैं कि कार्यकर्ताओं की आवाज सुनी जाए और बड़े निर्णयों में उन्हें वोट देने का अधिकार दिया जाए भले ही उसे माने या न माने इसका फैसला नेतृत्व पर छोड़ दिया जाए। योगेंद्र यादव ने राज्य यूनिटों की स्वायत्तता की पैरवी करते हुए कहा कि उन्हें कम से पंचायत और पालिका चुनाव लड़ने का फैसला लेने की छूट दी जाए।

योगेंद्र यादव ने कहा,'जो भी मुद्दा उठाया जाता है, उसे अरविंद केजरीवाल से जोड़ दिया जाता है। पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक कौन होगा, यह मुद्दा हमारी तरफ से उठाया ही नहीं गया था। बार-बार कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय परिषद में तय होगा कि पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक कौन होगा। मैं उन्हें बताना चाहता हूं पार्टी संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय परिषद में संयोजक का फैसला नहीं हो सकता है, इसके लिए उचित मंच राष्ट्रीय कार्यकारिणी है। पार्टी की साइट से संविधान हटा दिया गया है, जिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है उन्हें मैं पार्टी का संविधान मैं भेंट करने के लिए तैयार हूं।'

योगेंद्र यादव के बाद प्रशांत भूषण ने कहा, '16 मार्च को जब अरविंद केजरीवाल बेंगलुरु से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे तो उन्हें मैंने एसएमएस भेजकर समय मांगा था, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें 11 दिनों बाद भी मिलने का समय मांगा। उन्होंने हमारे मुद्दे पर कुछ लोगों को बातचीत के लिए अधिकृत किया गया और हमारी तरफ से हमने प्रोफेसर आनंद कुमार व अजीत झा को बातचीत के लिए कहा। हर चीज के जवाब में यही कहा जाता है कि आप लोग राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दीजिए हम सब देख लेंगे।'

भूषण ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल की तरफ से यह बात बार-बार कही गई कि वह हमारे साथ काम नहीं कर सकते। मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह स्थिति पैदा क्यों हुई। जब हमें पता चला कि अरविंद फिर से कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार थे, तो मैंने कहा कि इससे पार्टी टूट जाएगी लेकिन अरविंद इस पर अड़ गए कि वह पार्टी संयोजक हैं और पीएसी सदस्यों की आपत्ति के बावजूद अपनी इच्छा के हिसाब से फैसला ले सकते हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सामने जब यह मुद्दा आया तो उसने भी इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, इसके बावजूद जैसा कि राजेश गर्ग के ऑडियो टेप से साफ हो गया कि पार्टी की ओर से कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश की जाती रही। कांग्रेस के उन छह विधायकों को ही तोड़ने की कोशिश की गई जिन पर अरविंद केजरीवाल और पार्टी ने 4-4 करोड़ रुपये लेकर बीजेपी के साथ मिलने का आरोप लगाया था।'

मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने कहा, 'मैं उनसे कहा कि अरविंद आप में बहुत खूबियां हैं, लेकिन दो भयंकर खामिया हैं जिससे पार्टी नष्ट हो सकती है। अपने मन का फैसला हर हाल में चाहते हैं और उन्हें ऐसे लोग बर्दाश्त नहीं हैं, जो उन्हें गलत कह सकते हैं। उन्होंने इसके जवाब में कहा कि मैं किसी ऐसे संगठन में रहा ही नहीं, जिसमें कोई मेरा विरोध करता हो। अरविंद को लगता है कि नीयत ठीक हो तो वह किसी भी तरीक को अपनाएं वह सही ही होगा। उन्हें लगता है कि अगर 'आप' दिल्ली में सरकार नहीं बना पाएगी तो देश में लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।'

प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की मांगें :

1. हमारा आग्रह था कि स्वराज की भावना के अनुरूप राज्य के फैसले राज्य स्तर पर हों। हमें बताया गया कि यह संगठन और कार्यक्रम के छोटे-मोटे मामले में तो चल सकता है, लेकिन देश के किसी भी कोने में पंचायत और नगर पालिका के चुनाव लड़ने का फैसला भी दिल्ली से ही लिया जाएगा ।

2. हमने मांग की थी कि हमारे आंदोलन की मूल भावना के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में पार्टी पर लगाए गए चार बड़े आरोपों (दो करोड़ के चेक, उत्तमनगर में शराब बरामदगी, विधि मंत्री की डिग्री और दल-बदल और जोड़-तोड़ के सहारे सरकार बनाने की कोशिश) की लोकपाल से जांच करवाई जाय। जवाब मिला कि बाकी सब संभव है, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से जुड़े किसी भी "संवेदनशील" मामले पर जांच की मांग भी न की जाए।

3. हमने सुझाव दिया था कि लोकतांत्रिर भागीदारी की हमारी मांग के अनुरूप पार्टी के हर बड़े फैसले में कार्यकर्ताओं की राय ली जाय, मांग हो तो वोट के ज़रिए। जवाब मिला कि राय तो पूछ सकते हैं, लेकिन वॉलंटियर द्वारा वोट की बात भूल जाएं, खासतौर पर उम्मीदवार चुनते वक्त।

4. हमने कहा था कि पार्टी अपने वादे के मुताबिक़ RTI के तहत आना स्वीकार करे। हमें बताया गया कि पार्टी कुछ जानकारी सार्वजनिक कर देगी, लेकिन RTI के दायरे में आना व्यावहारिक नहीं है। सौजन्यः NBT

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पाक को दुश्मन बताने की ब्रेनवॉशिंग हो रही है भारत में: नसीरुद्दीन शाह

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नई दिल्लीः पाकिस्तान के तमाम अखबारों और न्यूज पोर्टल्स में बॉलिवुड ऐक्टर नसीरुद्दीन का वह इंटरव्यू छाया हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान की इमेज दुश्मन देश के रूप में बनाने के लिए भारत में ब्रेन वॉशिंग हो रही है। नसीरुद्दीन के हवाले से यह भी लिखा गया है कि भारत में तो अक्सर पाक कलाकारो का विरोध होता है, मगर पाकिस्तान हमारा बाहें खोलकर स्वागत करता है।

पाकिस्तान के इंग्लिश पेपर 'ट्रिब्यून' ने लिखा है, 'पाकिस्तान के सफल दौरे के बाद भारत लौटे दिग्गज बॉलिवुड ऐक्टर नसीरुद्दीन शाह ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि उनके देश में पाकिस्तान के प्रति नफरत बढ़ रही है।' पाक के अन्य बड़े अखबारों और टीवी चैनलों की वेबसाइट्स पर भी ऐसा ही जिक्र किया गया है। दरअसल नसीरुद्दीन ने ये बातें एंटरटेनमेंट वेबसाइट 'बॉलिवुड हंगामा' को दिए इंटरव्यू के दौरान कही थीं।

नसीरुद्दीन शाह फरवरी में अपनी किताब 'ऐंड देन वन डे: अ मेम्वार' के प्रमोशन के लिए पाकिस्तान में थे। इस दौरान उन्होंने लाहौर लिटररी फेस्टिवल में शिरकत की थी। उन्होंने कराची आर्ट काउंसिल में एक थिएटर वर्कशॉप का भी आयोजन किया था। वहां से लौटने के बाद दिए इंटरव्यू में शाह ने कहा है, 'यह दुखद है कि अक्सर पाकिस्तान के कलाकारों को देश में परफॉर्म करने से रोका जाता है। हाल ही में बड़ी बुरी घटना घटी, जब अहमदाबाद में पाकिस्तानी आर्टिस्ट की कलाकृतियों को नुकसान पहुंचाया गया। मगर पाकिस्तान में तो हमारा बांहें फैलाकर स्वागत किया जाता है।'

ऐसे ही एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा, 'मैं पाकिस्तान जाता रहता हूं। मुझे लगता है कि लोगों में संपर्क बना रहना चाहिए, क्योंकि राजनेता तो जरूरत पड़ने पर रंग बदल लेंगे। भारतीयों की ब्रेन वॉशिंग हो रही है कि पाकिस्तान एक दुश्मन देश है। उन्हें यह नहीं बताया जा रहा है कि इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि क्या रही है।'

शाह ने राजनीतिक गतिरोध को खत्म करते हुए रिश्ते जोड़ने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, 'रिश्ते जुड़ने चाहिए। इस बात का मेरे मुस्लिम होने से कोई नाता नहीं है। पाकिस्तान के खिलाफ नफरत से हमें मिलता क्या है? यह तो एक तरह से दादागीरी करने जैसा है। आखिर वे हमारे पड़ोसी ही तो हैं।'

नसीरुद्दीन शाह ने कहा, 'जब मैं पाकिस्तान जाता हूं, तो सुनता हूं कि वहां से 25 फीसदी लोग भारत विस्थापित हुए हैं, जबकि यहां से सिर्फ 1 फीसदी वहां गए हैं। मुझे पता चला कि 1947 से पहले कराची में 95 फीसदी लोग सिंधी बोलते थे, लेकिन 1948 में सिर्फ 2 फीसदी लोग सिंधी बोलने वाले बचे। यह जानकर बहुत अफसोस हुआ।'

पाकिस्तान में भारतीयों के लिए प्यार का जिक्र करते हुए ऐक्टर ने कहा, 'दोनों देशों के बीच जो दूरी है, वह राजनीतिक है। यह खत्म होनी चाहिए। यह दूरी तब तक खत्म नहीं होगी, जब तक हम वहां के लोगों से बात नहीं करेंगे। भारत ने जो कुछ हासिल किया है, उसके प्रति पाकिस्तान में बड़ी जिज्ञासा और इज्जत है।'

नसीरुद्दीन ने इंटरव्यू में कहा है, 'पाकिस्तान में वे मुझे बहुत प्यार करते हैं। वे सलमान और शाहरुख खान जैसे स्टार्स के दीवाने हैं, मगर मेरे, ओम पुरी और फारूख शेख जैसे ऐक्टर्स को भी वे प्यार करते हैं। मुझे पाकिस्तान में बहुत स्पेशल महसूस होता है। मुझे अपनी किताब को लेकर पाकिस्तान में जैसे शानदार रेस्पॉन्स की उम्मीद थी, वैसी उम्मीद मुझे अपने यहां भारत में नहीं थी।' सौजन्यः NBT

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...तो छलावा है पीएम मोदी की जनधन योजना!

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भोपालः राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार देश में हर घंटे दुर्घटनाओं में 46 लोग मारे जाते हैं पर प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत एक भी क्लेम का सेटलमेंट 14 दिसंबर तक नहीं हुआ है। आरटीआई के जरिए पूछे गए एक सवाल के जवाब में नैशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का कहना हैं कि जनधन योजना के दुर्घटना बीमा दावों में दिसंबर 14 तक केवल 34 क्लेम हासिल हुए हैं। इनमें 25 अंडर प्रोसेस हैं, 2 विचाराधीन हैं। एक रिजेक्ट हुआ है और 6 क्लेम कबूल हुए हैं। मतलब मुकाम तक एक भी क्लेम नहीं पहुंचा है। मध्य प्रदेश के नीमच में रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने आरटीआई के जरिए कई कड़वी हकीकत सामने लाए हैं।

प्रधानमंत्री ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले से दिए अपने भाषण में वितीय समावेशन के लिए जनधन योजना की घोषणा कि थी। इसके तहत 28 अगस्त 2014 से 26 जनवरी 15 के बीच खाता खुलवाने वाले खाताधारक को सरकार ने दो तरह की बीमा सुरक्षा देना का वादा किया था। इसमें एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा और 30 हजार रुपये का जीवन बीमा लाभ प्रस्तावित था।

सरकार की इस पहल से लगने लगा था कि अब गरीब व्यक्ति को हादसे में जान गंवाने पर पीड़ित परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी पर जनधन योजना में आए दावों ने सरकार कि इस पूरी योजना पर ही सवालिया निशान लगा दिया है। आरटीआई में उपलब्ध कराई गई एक अन्य जानकारी में यह चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ है कि जनधन योजना के खाताधारक को बीमा लाभ तब ही मिलेगा जबकि उसने दुर्घटना के 45 दिनों के भीतर बैंक से कम से कम एक बार कोई वित्तीय या गैर वित्तीय लेनदेन किया हो।

जनधन योजना के तहत खुले खातों में से लगभग 7.8 करोड़ खाते ऐसे हैं जिनमे शून्य राशि है। ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि खातों में शून्य राशि के बाद कोई भी व्यक्ति बिना किसी कारण बैंक से कारोबार क्यों करेगा? इसमें व्यक्ति से हुई जरा सी भी चूक उसकी प्रस्तावित बीमा सुरक्षा को हड़प लेगी। सरकार यदि यह दावा करती है कि उसकी इस योजना से वित्तीय समावेशन आएगा और इसमें दिए जा रहे बीमा कवर से गरीबों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी तब फिर सवाल खड़ा होता है कि देश में हर दिन दुर्घटनाओं में हजार से ज्यादा लोग दम तोड़ देते हैं फिर योजना में दिसंबर 14 तक मात्र 34 क्लेम प्रस्ताव ही क्यों प्राप्त हुए हैं? (नैशनल क्राइम ब्रांच रेकॉर्ड 2013 के अनुसार विभिन्न दुर्घटनाओं में रोजाना 1097 लोग मारे जाते हैं।)

दुर्घटना बीमा के संबंध में नैशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने निजी क्षेत्र कि एक बड़ी बीमा कंपनी HDFC ERGO के साथ एक अरेजमेंट 10 अक्टूबर 14 को किया है जिसका पीरियड रखा गया है एक अप्रैल 14 से 31 मार्च 15 तक। हालांकि योजना कि शुरुआत 28 अगस्त 14 से हुई है। जब आरटीआई में सरकार द्वारा भुगतान की जा रही दुर्घटना बीमा प्रीमियम के बारे में सवाल किया गया तो जवाब में NPCI का कहना है कि इसका खुलासा करना न तो जनहित में है और न ही व्यावसायिक हित में। ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि क्या सरकार एक व्यापारी है जो इसका खुलासा करने से उसका व्यापार चौपट हो जाएगा?

जब सरकार कि आय-व्यय, निवेश और बचत तक सार्वजानिक रहते हैं तब सरकार द्वारा निजी बीमा कंपनी को भुगतान की जा रही प्रीमियम रकम को छुपाना कुछ अटपटा सा लगता है। वहीँ दूसरी ओर जीवन बीमा प्रीमियम राशि से जुड़े इसी प्रकार के सवाल के जवाब में खुद वित्त मंत्रालय के फाइनैंशल सर्विस सेक्शन को यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि उसने जनवरी 15 तक इसका प्रीमियम ही निर्धारित नहीं किया है। दूसरी ओर योजना शुरू हुए पांच महीने बीत चुके हैं ऐसे में सरकार जनधन योजना के करोड़ों गरीब खाताधारकों को जीवन बीमा कवर का दावा किस आधार पर कर रही है? इससे लगता है कि सरकार ने इस योजना को अत्यधिक जल्दबाजी में और बिना पूरी तैयारी के ही लॉन्च कर दिया है और इसके कई दावे हवा हवाई से लगते हैं। सौजन्यः नवभारत टाइम्स

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मीरा राजपूत ने शाहिद कपूर से शादी के लिए किया इनकार!

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अब यह लीजिए, शाहिद कपूर की शादी को लेकर एक और नई खबर सामने आ गई है। इंडियाटुडे डॉट इनटुडे डॉट इन के रिपोर्ट की मानें तो शाहिद मीरा राजपूत से शादी नहीं करने जा रहे हैं।

इस रिपोर्ट में मीरा की एक फ्रेंड ने कहा है कि मीरा ने उन्हें बताया है कि वह शाहिद के साथ कोई डेटिंग वेटिंग नहीं कर रहीं और न ही उनके साथ शादी करने जा रहीं हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मीरा बहुत ज्यादा सोशल होने में विश्वास नहीं रखतीं हैं और शाहिद एक फैमिली फ्रेंड से बढ़कर कुछ और नहीं।

पिछले दिनों मीडिया में यह खबर खूब छाई रही कि शाहिद दिल्ली बेस्ड मीरा से दिसंबर में शादी करने जा रहे हैं और जनवरी में मकर संक्रांति (14 जनवरी) के दिन दोनों की सगाई भी हो चुकी है। बताया गया था कि शाहिद की होने वाली दुल्हन मीरा लेडी श्रीराम कॉलेज से इंग्लिश (ऑनर्स) की थर्ड इयर स्टूडेंट हैं। सुनने में तो यहां तक आया था कि शाहिद और मीरा की मुलाकात धार्मिक संगठन राधा स्वामी सत्संग ब्यास के जरिए हुई थी। कुछ समय पहले शाहिद ने कहा था कि वह एक ऐसी लड़की से शादी करना चाहते हैं जो फिल्म इंडस्ट्री की न हो। उन्होंने कहा था कि इस तरह वह जिंदगी को एक नए नजरिए से देख पाएंगे।

अब इस खबर में क्या सच है और क्या झूठ यह शाहिद से बेहतर तो कोई और नहीं बता पाएंगे, लेकिन हम आशा करते हैं कि उन्हें उनका हमसफर जल्द मिल जाए! सौजन्यः नवभारत टाइम्स

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इसी हफ्ते निपटा बैंकिंग से जुड़े जरूरी काम, क्योंकि...

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नई दिल्लीः बैंक ग्राहकों को अलर्ट हो जाना चाहिए और अपने बैंकिंग से जुड़े जरूरी काम इसी हफ्ते निपटा लें. 27 मार्च तक ऐसा नहीं किया तो परेशानी हो सकती है. यदि ऐसा नहीं किया तो मार्च के अंत में और अप्रैल की शुरुआत में आपको खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

28 मार्च से लेकर 5 अप्रैल के बीच नौ दिनों में छह दिन तक बैंक बंद रहने वाले हैं. शनिवार (28 मार्च) को रामनवमी के चलते बैंकों में छुट्टी रहेगी. फिर रविवार है. 30 मार्च को बैंक खुलेंगे, लेकिन 31 मार्च वित्त वर्ष का आखिरी दिन होगा.

जबकि 01 अप्रैल को सालाना क्लोजिंग है, 02 अप्रैल को महावीर जयंती है, 03 अप्रैल को गुड फ्राइडे है, 04 अप्रैल को शनिवार होने की वजह से बैंक आधा दिन ही खुल पाएगा और फिर 05 अप्रैल को रविवार है. लिहाजा बैंक ग्राहकों को इस दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

सूत्रों के अनुसार लगातार छुट्टियों को देख बैंक कर्मचारियों ने भी बीच के दिनों को अडजस्ट करने के लिए छुट्टियों की अर्जी देनी शुरू कर दी है. (सौजन्यः समय लाइव)

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MP के राज्यपाल के बेटे की संदिग्ध मौत, व्यापम घोटाले में था नाम

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लखनऊः मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेश की आज लखनऊ के माल एवेन्यू स्थित आवास पर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। गौतमपल्ली थाना प्रभारी वीरेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि हमें मध्य प्रदेश के राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव के बेटे शैलेश (50) की मौत की सूचना मिली थी। वह माल एवेन्यू स्थित आवास पर मृत पाये गये। उन्होंने बताया कि शैलेश की मौत के
कारणों का तत्काल पता नहीं लग पाया है। जांच के बाद ही इस बारे में पक्के तौर पर कुछ कहा जा सकता है।

मालूम हो कि शैलेश का नाम मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में आया था। उन पर तृतीय ग्रेड के अनुबंधित शिक्षकों की भर्ती के लिये जरूरी परीक्षा पास कराने के लिये 10 अभ्यर्थियों से धन लेने का आरोप था।

शैलेश यादव की मौत की खबर फैलते ही एक मॉल एवेन्यू स्थित उनके आवास पर लोगों का तांता लगा हुआ है। बताया जा रहा है कि व्यापम घोटाले में नाम सामने आने के बाद से ही वह अवसाद में थे और कई तरह की दवाइयों का सेवन कर रहे थे। यादव परिवार के नजदीकी लोगों के अनुसार, उनकी मौत मस्तिष्काघात की वजह से हुई है। कुछ महीने पहले ही रामनरेश यादव की पत्नी की भी मौत हो गई थी। पुलिस अधिकारी फिलहाल इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं।

व्यापम घोटाले में आरोप है कि कंप्यूटर सूची में हेराफेरी करके अनुचित तरीके से अपात्र लोगों को भर्ती कराया गया। व्यापम के माध्यम से संविदा शिक्षक वर्ग-1 और वर्ग-2 के अलावा कांस्टेबल, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी व नापतौल निरीक्षक आदि की भर्तियां की गईं। व्यापम की तमाम भर्तियों में से करीब 1000 भर्तियों को संदिग्ध माना गया है। इन संदिग्ध भर्तियों की जांच की जा रही है। सौजन्यः लाइव हिंदूस्तान

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राहुल गांधी लापता, खोजने वाला बन जाएगा माला-माल!

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नई दिल्लीः कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों छुट्टियों पर हैं लेकिन फिर भी वह ख़बरों में छाए हुए हैं।

जी हां, राहुल गांधी अपने ही लोकसभा सांसद राज्य उत्तर प्रदेश में बदनाम हो रहे हैं। सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश के कई जगहों पर राहुल गांधी के लापता होने और खोजकर लाने वाले को इनाम की घोषणा करते हर जगह पोस्टर लगा दिए गए हैं।


आप चौंक जाएंगे यह जानकर कि राहुल गांधी के अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में लगे पोस्टरों पर यह छपा हुआ है ‘नेताविहीन अमेठी’।


बात यहीं खत्म नहीं होती, इसके बाद एक फिल्मी गीत की पंक्तियां भी लिखी गई हैं – ‘जाने वो कौन-सा देश, जहां तुम चले गए… न चिट्ठी न संदेश, कहां तुम चले गए…’ (सौजन्यः जनसत्ता)

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देखें तसवीरें: फ़्रांस के पीएम के हवाले से रायटर्स की खबर दक्षिणी फ्रांस में जर्मन विंग्स एयरलाइन का विमान क्रैश

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पेरिस। दक्षिणी फ्रांस में जर्मनविंग्स एयरलाइन का यात्री विमान क्रैश हुआ है। एयरबस A320 विमान में 142 यात्री के साथ छह क्रू मेंबर सवार थे। विमान बार्सिलोना से डूसेलडोर्फ जा रहा था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डिग्ने के एल्प्स के पास विमान का मलबा मिला है। हालांकि विमान में मौजूद यात्रियों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है।
विमान स्थानीय समयानुसार 9.39 मिनट पर गायब हो गया था। फ्लाइट रडार24 के मुताबिक, वह 6800 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। जर्मन विंग्स एयरलाइन जर्मनी की कम किराए वाली लोकप्रिय एयरलाइन है।
फ्रांस के प्रधानमंत्री मैनुअल वाल्स ने विमान के क्रैश की पुष्टि कर दी है। फ्रांसीसी गृहमंत्री घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। सौजन्य: भास्कर


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फेसबुक पर मनचलों को सबक सिखाता है यह पेज

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तिरुअनंतपुरमः फेसबुक पर महिलाओं को अभद्र ट्रॉल और आपत्तिजनक प्राइवेट मेसेज भेजने वाले अब सावधान हो जाएं। खासकर अगर आप केरल से हैं, तो इस तरह का कारनामा आप पर उल्टा पड़ सकता है। केरल का एक फेसबुक पेज ‘सेक्सुअली फ्रस्ट्रेटेड मल्लू’ या SFM अभद्रता का शिकार हुई महिलाओं को एक मौका दे रहा है ऐसे लोगों को लाइन पर लाने का। यह पेज सीधे-सादे तरीके से काम करता है और ऐसे लोगों को शर्मिंदा करता है।
cyber-bullyingअगर आपको लेकर अभद्र ट्रॉल किेये जाएं या कोई अभद्र प्राइवेट मेसेज भेजा जाए, तो उसका स्क्रीनशॉट लीजिए, उसे SFM पर पोस्ट कीजिए। और फिर इन्तजार कीजिए ऐसे लोगों के शर्मसार होने का। यह पेज नवंबर 2014 में शुरू हुआ था और अब इसे 7500 लाइक्स मिल चुके हैं। इस पेज को 20 वर्ष की उम्र में 5 दोस्तों ने शुरू किया था। उनमें से एक ने बताया, ‘हमारे पेज को काफी रेस्पॉन्स मिला है। कुथ लोगों ने हमें धमकियां दीं और इस तरह के गलत काम जारी रखे, लेकिन दूसरों ने हमसे माफी मांगी, हमारे आगे गिड़गिड़ाए कि हम पेज से उनकी घटिया पोस्ट्स हटा दें।’
ये पांचों यह भी सुनिश्चित करते हैं कि इनकी अपनी पहचान गुप्त रहे। उनका कहना है, ‘गुमनाम रहना हमारा सबसे बड़ा सेल्फ-डिफेंस है। अगर हमने अपनी पहचान बता दी, तो हमारे सोशल मीडिया अकाउंट्स को लोग नहीं छोड़ेंगे।’ इस पेज को ऐसे कई लोगों का सपोर्ट मिला है जिनके साथ आए दिन इस तरह के साइबर क्राइम होते रहते हैं। जैसे मलयाली ऐक्ट्रेस रंजिनी हरिदास, जिनकी प्राइवेट लाइफ पर न जाने कितने भद्दे ट्रॉल्स तैयार किये जाते हैं। रंजिनी कहती हैं, ‘मैं कई ऐसी चीज़ें करती हूं जो लोगों को पसंद नहीं हैं।
जैसे मैं अंग्रेजी बोलती हूं, विदेशी कपड़े पहनती हूं, स्टेज पर लड़कों या लड़कियों को हग करती हूं, टांगें खोलकर बैठती हूं… लेकिन मेरे खिलाफ खासकर सोशल मीडिया में इतनी ज्यादा सेक्सुअल डबल मीनिंग बातें की गई हैं कि मुझे सोचकर दुख होता है।’ ऐक्टिविस्ट और लेखक संध्या SN उन लोगों में से हैं जो इस तरह के मेसेज या वॉल पोस्ट्स को उठाकर सीधा वॉल पर डाल देती हैं। उनका कहना है कि, ‘इस तरह की अब्यूज़िव सोच हमेशा रही है।
बस अब टेक्नॉलजी बढ़ने के साथ प्लैटफॉर्म बदल गया है और इस तरह की चीजें लोगों के लिए आसान हो गई हैं। ये अधिकतर कॉमेंट्स पर्सनल लाइफ या बॉडी के बारे में ही होते हैं।’ केरल के सायबर पुलिस वालों ने माना है कि सायबर स्पेस में महिलाओं के प्रति हिंसक गतिविधियों को रोकना काफी मुश्किल है। तिरुअनंतपुरम पुलिस कमिश्नर एच वेंकटेश ने कहा, ‘औसतन मेरे सामने महिलाओं के ऐसे 10 केस रोज़ आते हैं। इनमें स अधिकतर फेसबुक और ऑनलाइन अब्यूज़िंग से संबंधित ही होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘इससे निपटने के लिए हमारे पास लीगल प्रावधान हैं जिनमें फेसबुक के लीगल सेल को नोटिस देना भी शामिल है। इसमें वक्त लगता है और हम सिर्फ उन्हीं केसेज में ऐक्शन ले सकते हैं जो हमारे पास रिपोर्ट किये जाते हैं। हर चीज़ को मॉनिटर और रेग्युलेट करना संभव नहीं है। शिकायतें इतनी बढ़ गई हैं कि अब हम सायबर सेल के विस्तार पर सोच रहे हैं।’सौजन्य: nbt

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कैटरीना कैफ हुई गायब! ट्विटर पर हुआ टॉप ट्रेंड

08:47 Unknown 0 Comments

हाल ही में जगह-जगह राहुल गांधी के गायब होने की चर्चाएं जोरों पर रही। इतना ही नहीं, राहुल गांधी को ढूंढने के लिए बकायदा पोस्टर भी लगाए गए। लेकिन अब खबर है कि कैटरीना कैफ भी गायब हो गई है।

सोशल नेटवर्किंग साइट पर कैफरीना मिसिंग भी टॉप पर ट्रेंड कर रहा है। ट्विटर पर कैटरीना के प्रशंसक उनके गायब होने से परेशान है। कुछ लोग तो राहुल गांधी और कैटरीना के गायग होने को महज इत्तेफाक मान रहे हैं तो कुछ इसे पब्लिसिटी स्टंट मान रहे हैं।

कुछ लोग इस बात को जानने के इच्छुक हैं आखिर ये सब क्या हो रहा है। कई लोग कैटरीना को रणबीर कपूर के घर में ढूंढने की बात कर रहे हैं।

वहीं कुछ लोग सीआईडी के दया को कैटरीना को ढूंढकर लाने की बात कर रहे हैं तो कुछ ब्योमकेश बक्‍शी से मदद लेने के लिए कह रहे हैं।

ऐसा लगता है कि ट्विटर गायब लोगों को ढूंढने का जरिया बन गया है। अब कैटरीना कहां गईं ये तो कोई नहीं जानता लेकिन ऐसा लगता है कि ट्विटर पर कैटरीना के प्रशंसक उनके ढूंढकर ही दम लेंगे। सौजन्य: अमर उजाला

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पाकिस्तान दिवस की दावत में शामिल हुए जनरल वीके सिंह, कश्मीरी अलगाववादियों को भी है न्योता

08:27 Unknown 0 Comments

नई दिल्ली: पाकिस्तान आज अपना राष्ट्रीय दिवस मना रहा है। इस मौके पर दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग में आयोजित डिनर पार्टी में एक पूर्व आर्मी चीफ व विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह शिरकत करने पहुंचे। इस दावत में हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फ़ारुक़ और अली शाह गिलानी सहित कश्मीर के कुछ अलगाववादी नेताओं ने भी शिरकत की।

इसके अलावा हाल ही में जेल से रिहा हुए अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को भी न्योता भेजा गया था, लेकिन वह खराब सेहत का हवाला देते हुए इसमें शामिल नहीं हुए। मसर्रत की रिहाई पर काफ़ी हंगामा हुआ था। उन पर क़रीब 27 मामले दर्ज हो चुके हैं। साल 2010 में मसर्रत को भारत विरोधी मुहिम चलाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था और हाल में उनकी रिहाई को लेकर मुफ़्ती सरकार की काफी आलोचना भी हुई थी।

इस मौके पर हुर्रियत नेताओं को मिली दावत को लेकर उठे विवाद पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत के रुख़ में कोई बदलाव नही है और भारत यही मानता है कि भारत और पाक के मसले पर हुर्रियत जैसे किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।

वहीं पाक डे के लिए दिल्ली आए हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कहा है कि बातचीत तभी कारगर होगी जब भारत कश्मीर को राजनीतिक समस्या माने। सौजन्य: ndtv

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सनी लियोनी पर आकर खत्म हुआ 12 साल का इंतजार

08:04 Unknown 0 Comments

'एक पहेली लीला' के डायरेक्टर बॉबी खान अपनी इस फिल्म के बारे में बताते हैं कि सनी उनकी इस फिल्म के लिए सबसे बेहतरीन चॉइस हैं। 'बेबी डॉल' की ऐक्टिंग पर बॉबी को पूरा भरोसा है। दरअसल, सुनने में यह आया है कि बॉबी के पास इस फिल्म की कहानी आज से नहीं, बल्कि पिछले 12 साल से थी। उनका मानना है कि सनी से बेहतर इस फिल्म में कोई और फिट ही नहीं होतीं और सनी ने अच्छा परफॉर्मेंस दिया है इसमें।
इस फिल्म में सनी ने काफी बोल्ड सीन दिए हैं। सुर्खियों में रहा है इस फिल्म का एक गाना 'ढोली तारो' जिसपर कभी ऐश्वर्या राय थिरकीं थीं, अब इसी गाने पर झूमतीं-नाचतीं दिखेंगी सनी लियोनी।
वैसे, सनी के मल्टि टैलंट के बारे में तो आप जानते ही होंगे, लेकिन डायरेक्टर यह कहते हैं कि इस फिल्म में जिस सनी को दर्शक देखने जा रहे हैं, इससे पहले वैसा उन्होंने कभी नहीं देखा होगा। कहते हैं कि इस फिल्म के लिए सनी ने जी-जान से मेहनत की है और खुद को पूरी तरह से कैरक्टर में ढाल लिया है। सौजन्य: NBT

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Video Live देखें: रिंग में हुई रेसलर की मौत लेकिन चलता रहा गेम

09:29 Unknown 0 Comments

https://www.youtube.com/watch?v=OFkX-8x6xKQ&t=46मेक्सिको। खतरनाक मानी जाने वाली डब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूई (WWE) की फाइट के दौरान रिंग में लड़ते हुए एक रेसलर की हजारों दर्शकों के सामने मौत हो गई। विरोधी रेसलर द्वारा मारे गए पंच की वजह से मेक्सिकन रेसलर हिजो डेल पेरो की मौत हो गई और दर्शक मजे लूटते रहे। जब बात सामने आई तो हड़कंप मच गया।

डेली मेल में छपी खबर के अनुसार, सबसे खतरनाक रिंग फाइट डब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूई में शनिवार रात तिजुआना के म्‍युनिसिपल ऑडिटोर‍ियम में एक ग्रुप फाइट में मेक्सिकन रेसलर हिजो डेल पेरो का मुकाबला चल रहा था।

फाइट के दौरान उनके विरोधी रेसलर रे मिस्‍टेरियो ने एक किक पंच मारा जो कि हिजो की गर्दन में लगा। पंच की वजह से ह‍िजो को गंभीर अंदरुनी चोट आई और वह रिंग में गिर पड़े। इसके बाद भी लगभग 2 मिनट कर गेम चलता रहा, लेकिन हिजो उसी हाल में पड़े रहे। रेफरी ने जब यह देखा तब गेम रूकवाया। हिजो को तुरंत अस्‍पताल ले जाया गया जहां उन्‍हें मृत घोषित कर दिया गया।

कैलिफोर्निया के स्टेट अटॉर्नी के अनुसार, मामले में जांच शुरू कर दी गई है।

35 साल के हिजो लगभग 20 साल से रेसलिंग कर रहे थे। उनके पिता पेड्रो पेरो अगुआयो भी एक विख्यात रेसलर रह चुके हैं। हिजो तीन बार मेक्स‍िकन टैग टीम चैंपियन रहने के साथ ही पूर्व राष्‍ट्रीय लाइट हैवीवेट चैंपियन और मेक्सिकन नेशनल चैंपियन थे। सौजन्य: नई दुनिया 

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दीपिका के साथ खूब मस्ती कर रहे हैं इरफान...

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बॉलीवुड में अपने संजीदा अभिनय के लिये मशहूर इरफान खान इन दिनों अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के साथ खूब मस्ती कर रहे हैं।
   
इरफान खान ने दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म 'पीकू' में काम किया है। शुजीत सरकार के निर्देशन में बनी फिल्म 'पीकू' में अमिताभ बच्चन ने भी मुख्य भूमिका निभायी है। फिल्म में काम करने के दौरान इरफान और दीपिका एक-दूसरे के अच्छे दोस्त बन चुके हैं और इन दिनों साथ मिलकर खूब मौज-मस्ती भी कर रहे हैं।
   
इरफान खान ने कहा कि शूटिंग के दौरान हम लोग एक साथ काफी समय बिताते थे। साथ ही दीपिका के साथ मुंबई में सफर करना भी बहुत मजेदार अनुभव रहा। इरफान दीपिका को बहुत बेहतरीन अभिनेत्री मानते हैं, जो कुछ चुनिंदा किरदार तक खुद को सीमित नहीं करना चाहती। उनकी एनर्जी हमेशा एक खुशनुमा एहसास देती है और सरल स्वभाव के कारण उनसे बात करना बहुत ही आसान हो जाता है।’’ सौजन्य: लाइव हिंदुस्तान 

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अब बॉलीवुड की इस हीरोइन से इश्‍क लड़ा रहे हैं युवराज सिंह!

07:11 Unknown 0 Comments

मुंबई। बॉलीवुड व क्रिकेट स्टार्स का रिश्ता बहुत पुराना रहा है और बॉलीवुड स्टार्स के क्रिकेट खिलाडि़यों के साथ अफेयर्स की खबरें भी आये दिन आती रहती हैं।
बॉलीवुड और क्रिकेट की सबसे हॉट जोड़ी अनुष्का शर्मा और विराट कोहली के बाद अब टीम इंडिया के ऑलराउंडर युवराज सिंह और बॉलीवुड एक्ट्रेस असिन सुर्खियों में हैं। खबर है कि इन दिनों दोनों एक दूसरे के बेहद करीब हैं और दोनों कई अवसर पर साथ देखे जा चुके हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों आजकल खूब चैटिंग भी कर रहे हैं। यहीं नहीं इंस्ट्राग्राम पर दोनों के बीच अच्छी बॉन्डिग देखने को मिल रही है। सौजन्य: जागरण 

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भारत की संसद परिसर में भयंकर आग, उठ रही हैं ऊंची-ऊंची लपटें

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नई दिल्ली: संसद भवन के कैंपस में रविवार दोपहर एसी प्लांट में लगी भीषण आग पर काबू पा लिया गया है। इस आग से जानमाल के ज्यादा नुकसान की खबर नहीं है। आग इतनी भीषण थी कि संसद परिसर से ऊंची-ऊंची लपटें और धुएं के गुबार से सनसनी फैल गई। लेकिन मौके पर पहुंची दमकल की आधा दर्जन गाड़ियों ने कुछ ही देर में इस पर काबू पा लिया।


जानकारी के मुताबिक गेट नंबर-8 पर रिसेप्शन एरिया के पास स्थित एसी प्लांट में यह आग दोपहर 2 बजकर 20 मिनट के करीब लगी। बताया जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। कुछ ही देर में आग ने भीषण रूप ले लिया। संसद परिसर में आग की ऊंची-ऊंची लपटें उठने लगीं। आसमान में धुएं के गुबार छा गए।

पहले तो संसद भवन के परिसर में मौजूद संसाधनों से आग पर काबू पाने की कोशिश की गई, मगर सब बेकार रहा। इसके बाद दमकल की गाड़ियों को बुलाया गया। दमकल की करीब नौ गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है। साथ ही ज्यादा जान-माल के नुकसान की खबर नही है। सौजन्य: NBT

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