नेपाल में भूकंप से मरने वालों की संख्या 8635 हुई, 300 से ज्यादा लोग अब भी लापता
काठमांडू : नेपाल
में आए दो भयंकर और विनाशकारी भूकंपों से मरने वालों की संख्या का आंकड़ा 8635 हो गया है और 89 विदेशियों समेत 300 से अधिक लोग अब भी लापता हैं.
नेपाल पुलिस के
एक बयान के अनुसार 49 भारतीयों समेत
कम से कम 79 विदेशी इन विनाशकारी
भूकंपों में मारे गए. पुलिस के मुताबिक 25 अप्रैल के भूकंप के बाद से करीब 240 नेपाली नागरिक और 89 विदेशी अब भी
लापता हैं.
बचाव एवं तलाशी
अभियानों में 18 देशों के जितने
सैन्यकर्मी तैनात थे, उनमें 2509 लोग अपना काम पूरा कर स्वदेश लौट चुके हैं.
ऐसे लोगों में 851 भारतीय भी हैं.
नेपाल सेना के बयान के मुताबिक 564 भारतीयों समेत 1807 विदेशी सैन्यकर्मी स्वदेश लौटने की प्रक्रिया
में हैं.
नेपाल में 25 अप्रैल और 12 मई को आए क्रमश: 7.9 तीव्रता और 7.3 तीव्रता के भूकंपों की वजह से 8,635 लोगों की मौत हो गयी, 21845 घायल हो गए तथा
हजारों मकान क्षतिग्रस्त हो गए.
कल 4-5 तीव्रता के भूकंप के बाद के पांच झटके आए.
पच्चीस अप्रैल के भूकंप के बाद से देश में चार तीव्रता से अधिक के 255 से ज्यादा भूकंप के बाद के झटके आ चुके हैं.
भारत से आठ एमआई-17 हेलीकॉप्टर, पांच एएलएच हेलीकॉप्टरों, चीन से तीन एमआई-17 हेलीकॉप्टरों तथा अमेरका से चार एम वी-228 हेलीकॉप्टरों ने तलाशी एवं बचाव कार्यों, घायल लोगों को बाहर निकालने, मलबा प्रबंधन और भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में
राहत सामग्री पहुंचाने में सहयोग किया.
इस बीच नेपाल 25 अप्रैल के विनाशकारी भूकंप के बाद मजदूरों की
कमी से जूझ रहा है क्योंकि 20 हजार नेपाली
प्रवासी मजदूर पिछले एक महीने में देश से चले गए.
दो भूकंपों और
बाद के झटकों के बाद बडी संख्या में प्रवासी मजदूर फिर दूसरे देश जाने लगे हैं
जिससे सरकार के लिए भूकंप प्रभावित जिलों में पुननिर्माण के काम में करीब एक लाख
स्वयंसेवकों को काम पर लगाने की अपनी योजना लागू करना मुश्किल हो गया है.
राजधानी नेपाल
में भी मजदूरों की कमी है क्योंकि कई कुशल एवं अर्धकुशल भारतीय नागरिक, जो विभिन्न सेवा क्षेत्रों में काम कर रहे थे,
भूकंप के बाद अपने घर लौट गए हैं.
काठमांडू में इन
दिनों नाइयों, नलसाजों, सब्जी विक्रेताओं और बढइयों की कमी हो गयी हैं
क्योंकि उनमें से ज्यादातर सीमापार विशेषकर उत्तरप्रदेश और बिहार के थे, जो लौट गए हैं. सौजन्यः प्रभात खबर
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