पाकिस्तान में संभ्रात वर्गों के युवकों के आतंकवादी बनने का खतरा मंडराया
इस्लामाबाद : एक
मशहूर पाकिस्तानी दैनिक में आज एक आलेख में कहा गया है कि पाकिस्तान शिक्षित मध्य
और उच्च वर्ग के कट्टरपंथी युवकों के आतंकवादी बनने के एक नये खतरे का सामना कर
रहा है.
हाल ही में एक बस
पर हमले के सिलसिले में सुरक्षाबलों द्वारा एक आतंकवादी गिरोह का पर्दाफाश करने और
चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किए जाने के बाद यह रुझान सामने आया है. कराची में एक
बस पर आतंकवादी हमले में 45 अल्पसंख्यक शिया
इस्माइली मुसलमान और सामाजिक कार्यकर्ता सबीन महमूद मारे गए थे.
डॉन अखबार में
छपे आलेख के मुताबिक हमले में कथित रुप से शामिल ताहीर, साद, अजफर और नासिर
शिक्षित आतंकवादी हैं जो पाकिस्तान में सक्रिय हैं.
आलेख में कहा गया
है, हिरासत में लिए गए इन
लोगों के कबूलनामे ने कई लोगों खासकर उन लोगों को स्तब्ध कर दिया है जो मानते थे
कि आतंकवादी बस निम्न वर्ग में और असामान्य स्थितियों में होते हैं.
हालांकि, अखबार ने कहा है कि पाकिस्तान में यह कोई नयी
परिघटना नहीं है बल्कि शिक्षित मध्य वर्ग से ताल्लुक रखने वाले हाई प्रोफाइल
आतंकवादियों की लंबी फेहरिस्त है.
अखबार में कहा
गया है कि डेनियल पर्ल का हत्यारा सईद शेख, अलकायदा के आईटी विशेषज्ञ नयीम नूर खान, अलकायदा आतंकवादी डॉ. अरशद वाहिद, टाइम्स स्क्वायर दूतावास पर बम हमले के दोषी
हमाद आदिल और कराची गोदी में नौसेना पोत का अपहरण करने वाला ओवैस जखरानी अच्छे पढे
लिखे लोग हैं और अच्छे परिवारों से आते हैं.
आलेख कहता है,
उच्च मध्य और संभ्रात वर्गों में चरमपंथी
प्रवृतियों की मौजदूगी कोई नयी बात नहीं है, लेकिन हाल के वर्षों में ऐसे वर्गों से आने वाले
आतंकवादियों की संख्या बढ गयी है. अखबार के अनुसार विदेशों में रहने वाले मुसलमान
इस उभरती चरमपंथी प्रवृत्ति से भलीभांति अवगत हैं. सौजन्यः प्रभात खबर
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