मुद्रास्फीति नियंत्रण में लेकिन कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती : अरुण जेटली
नयी दिल्ली :
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि पिछले एक साल के दौरान मुद्रास्फीति को
नियंत्रण में लाया गया लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र की स्थिति के
साथ-साथ घरेलू निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये
चुनौती बने हुये हैं. केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार का एक साल
पूरा होने
पर सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिये दो दिन के भीतर दूसरे संवाददाता सम्मेलन
को संबोधित करते हुये जेटली ने कहा कि लोगों में अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे
बढाने के लिये जो आतुरता है उसे कांग्रेस पर विकास और वृद्धि को बाधित करने के
एजेंडे से हटने के लिये दबाव बनाना चाहिये.
जेटली ने यहां
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, 'पिछले एक साल के दौरान मुद्रास्फीति काफी हद तक
नियंत्रण में रही है. कुल मिलाकर मुद्रास्फीति की स्थिति पिछले एक दशक के मुकाबले
काफी बेहतर रही है.' उन्होंने कहा कि
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और उपभोक्ता वस्तुओं के दाम घटने से
मुद्रास्फीति को शांत करने में काफी मदद मिली है लेकिन इसके साथ ही सरकार ने भी
खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में लाने के लिये कदम उठाये हैं जिसकी वजह से थोक
के साथ-साथ खुदरा मुद्रास्फीति भी 11 प्रतिशत की ऊंचाई से घटकर नीचे आ गई है.
अर्थव्यवस्था के
समक्ष खडी चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा वैश्विक आर्थिक
स्थिति और घरेलू कृषि परिदृश्य चुनौती बने हुये हैं. उन्होंने कहा, 'घरेलू निवेश को बढना चाहिये, यह चुनौती है फिर भी आर्थिक मोर्चे पर हम कुछ
क्षेत्रों में सफल हुये हैं. ये तीन क्षेत्र हैं जहां चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा
कि वैश्विक आर्थिक स्थिति सरकार के नियंत्रण से बाहर है. सरकार की पहलों के बारे
में बताते हुये जेटली ने कहा वित्तीय समावेश और सामाजिक सुरक्षा योजनायें काफी सफल
रहीं हैं.
इस दौरान बैंकों
में 15 करोड जनधन खाते खोले गये
और 7.5 करोड लोगों ने जन
सुरक्षा और जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा कवर अपनाया
है. उन्होंने कहा कि सरकार निकट भविष्य में बीमा कवर को दोगुना कर 40 से 50 प्रतिशत तक पहुंचाना चाहती है. देश में 11 प्रतिशत जनसंख्या के पास पेंशन योजना है. सरकार की अटल
पेंशन योजना के जरिये भारत को और व्यापक पेंशन सोसायटी बनाया जायेगा.
जेटली ने कहा,
'यदि भारत 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करता है तो देश इससे संतुष्ट
नहीं होगा. हमें और वृद्धि की चाह होगी और लोगों की अधिक वृद्धि की इसी चाह को
पार्टियों के उपर एक तरह का दबाव बनना चाहिये, खास तौर से कांग्रेस पर यह दबाव बनना चाहिये, जो कि विकास और वृद्धि के खिलाफ एजेंडे पर चल
रही है.' अप्रैल माह में थोक मूल्य
सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति शून्य से 2.65 प्रतिशत नीचे रही जबकि खुदरा मुद्रास्फीति चार साल के
निम्न स्तर 4.87 प्रतिशत पर रही. सौजन्यः प्रभात खबर
0 comments: