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कोच पद दिया जायेगा तभी सोचूंगा: गांगुली

02:42 Unknown 0 Comments

नई दिल्ली, एजेंसी: पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली का नाम बड़े जोरशोर से टीम इंडिया के नए कोच के लिए उठा था लेकिन इस दिग्गज खिलाड़ी का कहना है कि जब उन्हें यह पद दिया जायेगा तभी वह इस बारे में सोचेंगे।
    
गांगुली ने गुरुवार रात गुड़गांव में पहले टाइम्स ऑफ इंडिया स्पोटर्स अवॉर्ड्स (टोइसा) समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा कि इस बारे में अभी सोचने का कोई फायदा नहीं है। यदि आपको कोच पद की जिम्मेदारी दी जाती है तो उसे पूरा करें। जहां तक मौजूदा स्थिति की बात है मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है।
   
पूर्व कप्तान ने टेस्ट कप्तान विराट कोहली के आक्रामक रवैये के बारे में पूछे जाने पर कहा कि विराट का आक्रामक रवैया कोई चिंता की बात नहीं है। मैदान पर यह ज्यादा मायने रखता है कि वह देश के लिए कितने रन बनाते हैं। विराट के व्यवहार पर बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने क्या कहा, यह आप उन्हीं से पूछें। मेरी नजर में वह एक बेहतरीन खिलाड़ी है।
   
गांगुली ने साथ ही कहा कि विराट एक युवा खिलाड़ी है। उनकी उम्र 26 साल है। जितना वह सीखेंगे उतना बेहतर होंगे। विराट का आकलन उनकी बल्लेबाजी और देश के लिए बनाए गए रनों के आधार पर किया जाना चाहिए।

गांगुली ने साथ ही कहा कि हर व्यक्ति अलग होता है और उसे उसी नजरिये से देखा जाना चाहिए। मैं सिर्फ यही देखता हूं कि विराट कितने रन बनाते हैं और मुझे उम्मीद है कि वह एक दिन अपनी कप्तानी में भारत को विश्व खिताब दिलायेंगे।
   
मौजूदा वनडे और ट्वेंटी कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी के लिए गांगुली ने कहा कि माही में अभी काफी क्रिकेट बाकी है और वह देश के लिए अभी और क्रिकेट खेलेंगे तथा मैच जितायेंगे।
   
युवराज सिंह के आईपीएल में प्रदर्शन पर गांगुली ने कहा कि उन्होंने अभी एक मैच विजयी पारी खेली थी लेकिन उन्हें अपने प्रदर्शन में ज्यादा निरन्तरता लानी चाहिए। मुम्बई इंडियंस के खिलाफ उनकी पारी शानदार थी। मैं उनसे ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद करता हूं।
   
आईपीएल में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आईपीएल संचालन परिषद के सदस्य गांगुली ने कहा कि मैंने अभी तक इसकी एक बैठक में हिस्सा लिया है। किसी भी मुद्दे पर मेरे लिए अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन मुझे विश्वास है कि हर सदस्य खेल को साफ-सुथरा चाहता है।
   
गांगुली ने साथ ही कहा कि यदि देश में चैम्पियन पैदा करने हैं तो खिलाड़ियों को आधारभूत ढांचा देना होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका में खिलाड़ियों के लिए आधारभूत ढांचा है और यही कारण है कि वे चैम्पियन पैदा करते हैं। हमारे खिलाड़ियों को युवा आयु में ही आधारभूत ढांचे मिलने चाहिए। हम खेलों में क्रांति की बात तो करते हैं लेकिन खिलाड़ियों को आधारभूत ढांचा नहीं दे पाते।



सौजन्य: one इंडिया हिंदी 

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