सेना के पास नहीं है युद्ध लड़ने के लिए जरूरी गोला-बारूद: CAG
नई दिल्ली: शुक्रवार को संसद में पेश हुए सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक
सेना के पास युद्ध लड़ने के लिए जरूरी गोला-बारूद नहीं है. सिर्फ 50 प्रतिशत सेना के पास वार रिजर्व है.
सीएजी के मुताबिक,
थलसेना को युद्ध की परिस्थिति में करीब 40 दिनों के वॉर-रिर्जव की जरूरत है. लेकिन सेना के
पास सिर्फ 20 दिनों का ही
गोला-बारूद है. सीएजी के मुताबिक, इस कमी के चलते सेना की तैयारियों और ट्रेनिंग पर खासा असर पड़ रहा
है.
सीएजी ने अपनी
रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड की कार्यशैली पर सवाल
उठाए हैं. रक्षा मंत्रालय ही सेना के लिए पर्याप्त गोला-बारूद के लिए जिम्मेदार है
जबकि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड सेना को इसका उत्पादन कर सप्लाई करने के लिए
जिम्मेदार होता है.
सीएजी के मुताबिक,
करीब डेढ़ हजार करोड़ रूपये का गोला बारूद
खराब गुणवत्ता या किन्ही दूसरे कारणों से reject कर दिया गया. गौरतलब है कि, मौजूदा विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह जब थलसेना
प्रमुख थे तो उन्होनें भी सेना के तोपखाने में गोला बारूद की कमी का मुद्दा उठाया
था.
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