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योगेंद्र यादव ने कहा-बैठक में भीड़ को उत्तेजित कर रहे थे अरविंद केजरीवाल

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आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर होने के बाद योगेंद्र यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अरविंद केजरीवाल पर हमले बोले. यादव ने कहा, 'यह बैठक सुनियोजित थी, जिसमें अरविंद केजरीवाल अपने संबोधन के दौरान बार-बार भीड़ को उत्तेजित कर रहे थे। अरविंद ने बैठक में कहा कि या तो ये रहेंगे या मैं रहूंगा.' 

'छोटे भाई ने दी गाली, मुझे कोई शिकायत नहीं' 
शनिवार को आम आदमी पार्टी के चारों बागी नेताओं योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रोफेसर आनंद कुमार और अजीत झा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. दिल्ली के कापसहेड़ा में हुई राष्ट्रीय परिषद की हंगामेदार बैठक में यह फैसला हुआ. इस बैठक की अध्यक्षता कुमार विश्वास ने की और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संबोधन किया. 
योगेंद्र यादव के साथ धक्का-मुक्की
शनिवार को सुबह दस बजे बैठक शुरू होने से पहले ही बाहर हंगामा होना शुरू हो गया था. योगेंद्र यादव के साथ बाहर कुछ लोगों ने धक्का-मुक्की की. यादव ने दावा किया कि कई सदस्यों को बैठक में जाने नहीं दिया जा रहा और इसी के विरोध में उन्होंने बैठक के बाहर लगभग एक घंटे तक धरना भी दिया. योगेंद्र यादव को देखकर 'गद्दारों को बाहर निकालो' के नारे भी लगाए गए.
 
संबोधन में भावुक हुए केजरीवाल
AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष के बीच में बैठक से बाहर आने के बाद योगेंद्र यादव ने अपना धरना खत्म किया और वो अंदर बैठक में गए. इस बीच केजरीवाल ने बैठक में भाषण दिया और सूत्रों की मानें तो वो संबोधन के दौरान भावुक भी हुए. केजरीवाल भाषण के बाद बैठक से बाहर निकल गए और कुछ देर बाद योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण भी गुस्से में बाहर निकले. इन दोनों नेताओं को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर करने का फैसला किया जा चुका था.

योगेंद्र यादव का हमला 
यादव ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'आज की बैठक में जो हुआ, उतनी घटिया हरकतें तो दूसरी पार्टियों में भी नहीं होती. बैठक के अंदर गुंडागर्दी और मारपीट होती रही, लेकिन केजरीवाल ने चुप्पी साधे रखी.' उन्होंने कहा कि अपने पूरे भाषण के दौरान केजरीवाल सिर्फ उनकी और प्रशांत भूषण की बुराई करते रहे. यादव ने यह भी कहा कि लोकपाल आंदोलन से निकलने वाली पार्टी ने अपने ही लोकपाल को इज्जत नहीं दी. बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए प्रस्ताव आया और उसे पारित भी कर दिया गया. 
AAP ने दी सफाई
चारों बागियों को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर करने के बाद आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई पेश की. पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा, 'प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को हटाने के प्रस्ताव के पक्ष में 247 और विरोध में 8 वोट पड़े थे.' उन्होंने बैठक में कार्यकारिणी के सदस्य रमजान चौधरी से मारपीट की बात को बेबु‍नियाद बताते हुए कहा कि हमारे पास प्रमाण मौजूद है कि बैठक में कोई मारपीट नहीं हुई. संजय सिंह ने कहा कि रमजान चौधरी अरविंद केजरीवाल के भाषण के बीच में ही चिल्लाने लगे थे. 
बाउंसर से पिटवाने का आरोप
प्रशांत और योगेंद्र ने दावा किया कि बैठक पूरी तरह एकतरफा था और बैठक में खूब हंगामा भी हुआ. आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रमजान चौधरी ने कहा कि जब उन्होंने प्रशांत और योगेंद्र के मुद्दे पर वोटिंग करने के लिए आवाज उठाई तो बाउंसर को बुलवाकर उन्हें जूतों से पीटा गया. यादव ने भी चौधरी की पिटाई होने की पुष्टि की. प्रशांत ने कहा, 'उन्हें बैठक में बोलने ही नहीं दिया गया. अवैध तरीके से वोटिंग कराई गई और लोकपाल को बैठक में नहीं आने दिया गया.
उधर प्रोफेसर आनंद कुमार ने कहा कि वो न पार्टी को छोड़ेंगे और न तोड़ेंगे, बल्कि पार्टी को सुधारेंगे. आशुतोष ने ट्वीट किया कि अगर योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी के आतंरिक लोकतंत्र पर थोड़ा भी विश्वास है तो पार्टी की सबसे ऊंची इकाई के फैसले का सम्मान करें. सौजन्य: आजतक 

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